पर प्रकाश डाला गया
- इंडस्ट्री के प्रॉफिट को रेट में बदलाव की उम्मीद कम है।
- रेपो रेट पर बढ़ोतरी बिजनेस दर स्टैण्ड और महंगा हो जाएगा होम लोन।
- ऐसा होने पर रियल एस्टेट सेक्टर पर सीधा असर देखने को मिलेगा।
नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तीन दिवसीय परिचालन वाली द्विमासिक स्मारक नीति समिति की बैठक रविवार से शुरू हो गई है। इस बैठक में ब्याज ब्याज पर निर्णय लिया जाएगा। यह बैठक शुक्रवार यानि 6 नवंबर को गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा सुबह 10 बजे तक मप्र के जज की घोषणा के साथ समाप्त हो जाएगी।
हालाँकि, ज्यादातर मानकों का अनुमान है कि आरबीआई की दर-निर्धारण समिति मुख्य दर को स्थिर रखेगी। गवर्नर जनरल की चुनौती को नियंत्रित करना और विकास के लिए तरलता को न्यूनतम बढ़ावा देना है।
अगर रेपो रेटिंग स्केल जाता है, तो बैंक से मिलने वाला कर्ज भी महंगा हो जाएगा। देखें, जहां होम नया लोन महंगा होगा। वहीं, पुराने चल रहे होम लोन की नगरी भी पहले की तलुना में बढ़ जाएगी। इसका सीधा असर आम लोगों और रियल एस्टेट सेक्टर पर पड़ेगा।
रेपो रेट में नहीं होना चाहिए बदलाव
फर्म होम लोन के सीईओ अतुल मोंगा को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक वैश्विक आर्थिक स्थिति को देखते हुए आर्थिक विकास का समर्थन करेगा, ताकि रेपो दर में बदलाव न हो। उन्होंने कहा कि हमसे अपेक्षा है कि आप 6.5% पर ही आरक्षण प्राप्त करने के लिए आरक्षण प्राप्त कर सकते हैं।
अतुल मोंगा ने आगे कहा कि ग्लोबल इकोनॉमिक असिस्टेंट, विशेष रूप से चुनाव के बाद अमेरिका में नई व्यवस्था और यूरोजोन की स्थिति, आरक्षण के फैसले से काफी हद तक प्रभावित होने की उम्मीद है। यदि अन्य प्रमुख उद्योगों में केंद्रीय बैंक में स्टॉक प्रमाणन स्टॉक शामिल हैं, तो वर्गीकृत भू-सांस्कृतिक प्रमाणन को एक प्रमुख कारक के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।
उन्हें उम्मीद है कि रैपरो दर में बदलाव नहीं होने से घर की मांग स्थिर रहेगी। विशेष रूप से मिड-रेंज और स्ट्रक्चरल स्पेसिफिकेशंस में लोगों के घरों की क्षमता बनी रहती है, जिससे स्थिर रुचि दर से समर्थन मिलता है। डेफिनिशन और घर के सामान, दोनों उधार लागत में असाध्य से लाभ उठा सकते हैं।
रियल स्टेट सेक्टर को बढ़ावा
गॉड ग्रुप के सीएमडी और क्रेडाई मैसर्स के अध्यक्ष मनोज गॉड ने भी रेपो दर पर संपत्ति बनाए रखने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर आरबीआई रियल एस्टेट सेक्टर में संपत्ति की स्थिति बनी रहती है, तो इससे रियल सेक्टर के लिए उत्साह पैदा होगा।
यह बाजार में स्थिरता का संकेत और उत्पाद और उत्पाद दोनों के बीच विश्वास बढ़ा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में फ्यूचर्स नोटिफिकेशन में शेयरों का संकेत दिया जा रहा है, जिससे होम डिलीवरी को राहत मिल सकती है। हालाँकि, इंडोनेशिया हाउसिंग ब्लॉक एक चिंता का विषय बना हुआ है। मनोज गॉड ने कहा कि हम आशा करते हैं कि आरबीआई इस क्षेत्र पर अधिक ध्यान देगा।