इलाहाबाद हाईकोर्ट
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बागपत में 25 जून 1999 को राजवीर की हत्या की विवेचना रिपोर्ट पेश न कर पाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश हुए महानिदेशक (डीजी) सीबीसीआईडी विजय कुमार ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि 18 साल की देरी करने वाले दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई का आदेश दे दिया गया है। फाइनल रिपोर्ट 17 जनवरी 2019 को सीजेएम बागपत की अदालत में दाखिल की जा चुकी है। हाईकोर्ट ने 31 अक्तूबर को हलफनामे सहित पुलिस अधिकारी तलब किए हैं।
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न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल ने धर्मपाल सिंह व सात अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। सीबीसीआईडी महानिदेशक विजय कुमार ने कोर्ट को बताया कि फाइनल रिपोर्ट का सरकार ने अनुमोदन कर दिया है। याची के खिलाफ हत्या में लिप्त होने के सबूत नहीं मिले हैं। सरकार के समक्ष केस वापसी का मामला लंबित है। याची के अधिवक्ता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि फाइनल रिपोर्ट की मूल प्रति सीजेएम कोर्ट में अब भी दाखिल नहीं है।
इस पर कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 31 अक्तूबर नियत करते हुए हलफनामे के साथ संबंधित पुलिस अधिकारी को मौजूद रहने का आदेश दिया। साथ ही, सीजेएम बागपत को भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हाजिर होकर यह बताने को कहा है कि फाइनल रिपोर्ट की मूल प्रति दाखिल की गई है या नहीं।
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