प्रस्तावित बरेली-सितारगंज फोरलेन हाईवे
– फोटो : विज्ञप्ति
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बरेली-सितारगंज हाईवे के 71 किलोमीटर हिस्से का चौड़ीकरण होना है पर जमीन अधिग्रहण में सुस्ती इसमें बाधक बन रही है। अब तक काम शुरू भी नहीं हो सका है, जबकि कार्यदायी संस्था का चयन हुए छह माह बीत गए। जमीन अधिग्रहण में कहीं राजस्व संबंधी विवाद आड़े आ रहे हैं तो कहीं चक की हिस्सेदारी तय नहीं हो पाई है। इस वजह से बैनामे अटके हुए हैं।
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बरेली-सितारगंज हाईवे फिलहाल टूलेन है। इसे फोरलेन किया जाना है। जमीन के अधिग्रहण के लिए सालभर पहले 1300 करोड़ रुपये मंजूर हुए थे मगर उसमें से 300 करोड़ रुपये भी खर्च नहीं हो सके। एक्सप्रेसवे जैसे बड़े प्रोजेक्ट शासन की प्राथमिकता में हैं। छोटे हाईवे पर राजस्व अधिकारियों का ध्यान नहीं है।
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राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बीपी पाठक ने विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी से मिलकर उन्हें अवगत कराया कि राज कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने छह महीने पहले टेंडर लिया था।
माहभर पहले एनएचएआई और फर्म के बीच कार्य के लिए अनुबंध भी हो गया है। इसलिए अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। दिशा की बैठक में 30 सितंबर को जनप्रतिनिधियों ने अब तक काम शुरू नहीं होने का मुद्दा उठाया था। तब सांसद संतोष गंगवार ने डीएम से बात की थी, लेकिन काम आगे नहीं बढ़ सका।
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