दिसंबर 2023 तक पूरा होगा विंध्य कॉरिडोर का निर्माण कार्य
– फोटो : अमर उजाला
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एक स्विच से मां विंध्यवासिनी के गर्भगृह में मां गंगा प्रकट हो जाएंगी। विंध्य कॉरिडोर के तहत विंध्याचल मंदिर से लेकर गंगा घाट तक ऑटोमैटिक व्यवस्था पर आधारित पाइप लाइन व चैंबर बनाए जा रहे हैं। इसके माध्यम से गंगा नदी से पानी विंध्यवासिनी मंदिर के गर्भगृह तक पहुंच सकेगा।
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मां के स्नान ध्यान और धुलाई के बाद निकलने वाला जल उसी प्रक्रिया के जरिये फिर नदी में छोड़ दिया जाएगा। इसको लेकर काम शुरू हो गया है। जल्द ही यह व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी। दिन में चार बार मां विंध्यवासिनी का स्नान, श्रृंगार होता है। साथ ही गर्भगृह की धुलाई होती है। इसके लिए एक बार में आठ घड़े जल लगता है। घाट से सेवक गंगा जल लाते हैं।
साल में एक बार खोला जाता है कुंड
स्नान ध्यान के बाद निकलने वाला जल पनडोहा से होते हुए ब्रह्मा, विष्णु, महेश कुंड में चला जाता है। यह पनडोहा वही स्थल है, जहां गर्भगृह में दर्शन पूजन के पश्चात बाहर निकलने वाले श्रद्धालु वहां से हाथ से पानी निकालकर सुख समृद्धि की कामना के साथ पीते हैं या छिड़कते हैं। कुंड में पानी एकत्रित होता रहता है। साल में एक बार प्रार्थना मुद्रा में खड़े ब्रह्मा-विष्णु-महेश की पूजा के लिए कुंड खोला जाता है और तब पानी निकाला जाता है।
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