अनिल सिंह, बांदा: एक अज्ञात युवक की लाश 12 दिन तक जिला अस्पताल के मोर्चरी में सड़ती रही, लेकिन पुलिस ने इस लाश का पोस्टमॉर्टम नहीं कराया। इस मामले में जिला अस्पताल की ओर से नरैनी कोतवाली पुलिस को दो बार मेमो भी भेजा गया। इस लापरवाही पर पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने ऐक्शन लेते हुए शनिवार को देर शाम दो मुख्य आरक्षियों को निलंबित कर दिया है।
नरैनी कोतवाली अंतर्गत सड़क किनारे एक अज्ञात युवक 19 अगस्त को घायल अवस्था में मिला था। उपचार के दौरान मौत हो गई थी। युवक की शिनाख्त न होने के कारण शव को जिला अस्पताल के मोर्चरी में रखवा दिया गया था और इस मामले में जिला अस्पताल की ओर से नरैनी कोतवाली पुलिस को मेमो भेजा गया था। आमतौर पर किसी भी अज्ञात व्यक्ति की मौत हो जाने पर शव को 3 दिन तक मोर्चरी में ही रखने की व्यवस्था है। तीन दिन तक अगर लाश की शिनाख्त नहीं होती तो संबंधित थाने की पुलिस मृतक के कपड़े और अन्य वस्तुएं सुरक्षित रखकर शव का पोस्टमॉर्टम कराकर अंतिम संस्कार करा देती है, लेकिन यहां तो हद हो गई 12 दिन तक लाश मोर्चरी में ही सड़ती रही।
वहीं, जिला अस्पताल की ओर से दूसरी बार मेमो भेजा गया, तब जाकर 31 अगस्त को पुलिसकर्मी पंचनामा भरने मोर्चरी पहुंचे। शव सड़ जाने से हड़कंप मच गया। यह मामला पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल के संज्ञान में आया तो उन्होंने इस पर ऐक्शन लेते हुए शनिवार को देर शाम नरैनी कोतवाली में तैनात दो मुख्य आरक्षियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। एसपी ने इस प्रकरण की जांच सीओ सदर अंबुजा त्रिवेदी को सौंपी है।
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