अमर उजाला नेटवर्क, हाथरस
Updated Thu, 24 Aug 2023 12:44 AM IST
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजीलाल सुमन।
– फोटो : amar ujala
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पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजीलाल सुमन के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनकी धर्मपत्नी के व्यक्तिगत जीवन के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज हुआ था। एमपी,एमएलए कोर्ट/ अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट इंद्रेश के न्यायालय ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में पूर्व केंद्रीय मंत्री को दोषमुक्त कर दिया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार प्रभारी वीडियो अवलोकन टीम 79 सादाबाद सुबोध कुमार पाठक ने थाना सादाबाद में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि सात अप्रैल 2019 को सादाबाद के छाबी मियां के बाग में सपा गठबंधन प्रत्याशी रामजीलाल सुमन द्वारा की गई सभा के भेजे गए वीडियो क्लिप के अवलोकन करने से संज्ञान में आया कि सुमन द्वारा आदर्श आचार संहिता लागू होते हुए भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनकी धर्मपत्नी के व्यक्तिगत जीवन पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई। यह टिप्पणियां आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन थीं।
इस मामले में थाना सादाबाद में मुकदमा दर्ज हुआ। विवेचक ने विवेचना करते हुए न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल कर दिया। इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट/अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट इंद्रेश के न्यायालय में हुई। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजीलाल सुमन को दोष मुक्त करार दिया। न्यायालय का फैसला आने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजीलाल सुमन ने कहा कि हमें न्यायालय पर पूरा विश्वास है। मुकदमे में कोई सत्यता नहीं थी। मैं वाणी की मर्यादा को समझता हूं। हमने कोई ऐसा शब्द नहीं बोला था, जिसका संज्ञान लिया गया होता। पूर्व केंद्रीय मंत्री की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता रामदास, लल्लन बाबू, बृजमोहन राही, वतन सिंह एवं हरदत्त शर्मा ने की।
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