लखनऊ/नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया है कि शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी रिजर्वेशन के मुद्दे की जांच के लिए जो आयोग बनाया गया था, उसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इससे राज्य में चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच के सामने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह बात कही, जिसके बाद चीफ जस्टिस ने सुनवाई के लिए 24 मार्च की तारीख तय कर दी है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि आयोग ने तीन महीने में अपनी रिपोर्ट दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया था कि वह नगर निकाय के चुनाव बिना ओबीसी कोटे के कराएं। इसके साथ ही चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने निर्देश दिया था कि राज्य सरकार द्वारा गठित आयोग 31 मार्च तक ओबीसी कोटे के मामले को तय करे।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच यूपी सरकार की अपील पर सुनवाई के दौरान प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा था।
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