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Umesh Pal Murder Case में नई मिस्ट्रीः Atique Ahmed के शार्प शूटर के भाई की मौत का रहस्य क्या है?

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए उमेश पाल और उनके दो गनरों के हत्याकांड मामले में नई मिस्ट्री सामने आई है। उमेश पाल हत्याकांड में शूटर रहे साबिर के बड़े भाई जाकिर का शव गुरुवार को एक खेत में मिला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लिया। जानकारी होने पर मृतक के चाचा मौके पर पहुंचे और शव की पहचान की। घटना को लेकर लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। मोहम्मदपुर गांव के बाहर गुरुवार को एक ग्रामीण ने खेत में कई दिन पुराना शव देखा। इसकी जानकारी होते ही ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई। सोशल मीडिया में फोटो वायरल होने के बाद पूरा मुफ्ती के मड़ियाडीह निवासी समसुद्दीन ने पुलिस से संपर्क किया।

फोटो से मृतक की पहचान समसुद्दीन ने अपने भतीजे 50 वर्षीय जाकिर के रूप में की। इसके बाद वे परिवार के साथ थाने पहुंचे। पूछताछ में उन्होंने बताया कि 8 साल पहले दहेज की खातिर पत्नी की हत्या के आरोप में जाकिर जेल भेजा गया था। चार माह पहले ही जमानत पर छूटकर आया था। अब उसकी हत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। साबिर के उमेश पाल हत्याकांड में संलिप्तता के बाद इस मौत को कई एंगल से जोड़कर देखा जा रहा है।भाई पर भी कसा शिकंजा
दूसरी तरफ, पूर्व सांसद अतीक अहमद के भाई अशरफ की जेल में गैरकानूनी मुलाकात और अपने मोबाइल फोन से बात कराने के मामले में शिकंजा कस गया है। अन्य सुख सुविधाओं का इंतजाम करने वाले जेल वार्डर शिवहरी अवस्थी समेत दो लोगों को बरेली पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही अशरफ और उसके करीबियों के साथ खेल अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है।

प्रयागराज में हुए हत्याकांड के मुख्य आरोपी असद अहमद, मोहम्मद गुलाम और विजय उर्फ उस्मान चौधरी ने 11 फरवरी को इस हत्याकांड की साजिश रचने के लिए अशरफ से जेल में मुलाकात की थी। नवभारत टाइम्स में इस संबंध में मंगलवार को ही बड़ा खुलासा किया था। बरेली पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि अशरफ की उसके सगे संबंधियों से बिना पर्ची के मुलाकात के लिए नीयत स्थान और अन्य स्थान पर मिलवाया जाता था।

वहीं, जेल के भीतर सब्जियां लेकर जाने वाले नन्हे उर्फ दयाराम की मदद से अशरफ के लिए खाने-पीने का सामान भेज पाया जाता था। अजीम उर्फ अशरफ 11 जुलाई 2020 को नैनी जेल से बरेली जेल ट्रांसफर हुआ था। इससे पहले उसका बड़ा भाई अतीक अहमद भी साढ़े तीन माह तक बरेली जेल में बंद रहा था।

अतीक के बेटों पर कैमरों से कड़ा पहरा
उमेश पाल हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके परिवार का नाम आने के बाद नैनी सेंट्रल जेल में बंद उसके बेटे अली पर पहरा बढ़ा दिया गया है। हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद अली पर जेल मुख्यालय से कड़ी नजर रखी जा रही है। अली की बैरक के इर्द-गिर्द 4 कैमरे लगाए हैं। इनमें एक कैमरा उसकी बैरक के अंदर भी लगाया गया है। इन कैमरों की फुटेज जेल के सीनियर अधिकारियों समेत जेल मुख्यालय को भी मिल रही है।

एक जेल बॉर्डर को बॉडीगार्ड कैमरे के साथ अली की बैरक के बाहर तैनात किया गया है। वहीं, चार सजायाफ्ता बंदियों को अली पर नजर रखने के लिए विशेष रूप से लगाया गया है। उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद और उसके परिवार का नाम आने के बाद अली से मिलने जुलने वालों की कमी आई है।