अशोक विश्वकर्मा, कौशांबी:बसपा विधायक राजूपाल हत्याकांड (BSP MLA Rajupal Murder) से जुडे अरोपी अब्दुल कवि की संपत्ति को खगालने में सीबीआई ने हाथ पैर मारना शुरू कर दिया है। माफिया अतीक अहमद के लिए काम करने वाला शार्प शूटर अब्दुल कवी के आवास को जमींदोज करने के बाद अब सीबीआई ने उसकी चल अचल संपत्ति का ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है। होली पर्व के दूसरे दिन गुरुवार को मंझनपुर तहसील पहुंची सीबीआई टीम ने तहसीलदार के साथ रिकॉर्ड रूम में घंटों माथा खपाया। हालांकि घंटों की मेहनत के बाद भी सीबीआई को कुछ हाथ नहीं लग सका। क्योंकि अब्दुल कवि की खुद के नाम कोई संपत्ति दर्ज नहीं पाई गई। ऐसे में अधिकारियों को सिर्फ पिता के नाम पर दर्ज कुछ भूमि की खतौनी लेकर ही वापस लौटना पडा।
वर्ष 2005 में हुए बसपा विधायक राजूपाल हत्याकांड में सामिल बताए जा रहे मंझनपुर तहसील के भखंदा गांव निवासी अब्दुल कवि पुत्र अब्दुल गनी पर सीबीआई ने सिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हालांकि 15 वर्षो से फरार अब्दुल कवि के खिलाफ कुर्की वारंट जारी कर पुलिस ने विगत एक सप्ताह पहले उसके पैतृक आवास को जमींदोज कर दिया है। जिसके बाद यह बात सामने आई है कि पिता ने पहले ही उसे अपने पैतृक संपत्ति से बेदखल कर रखा है। इसके बावजूद सीबीआई ने तहसील पहुंच कर उसकी निजी संपत्ति को खंगालने का काम शुरू किया है। जिसमें खाता संख्या 173,174,306,334 और 335 के दस्तावेज देखे गए। इस दौरान सीबीआई द्वारा आरोपी अब्दुल कवि के सगे संबंधियों व रिस्तेदारों की संपत्ति का ब्योरा जुटाया जा रहा है।
तहसीलदार भूपाल सिंह ने बताया कि संपत्ति का ब्योरा खगालने आई सीबीआई टीम को खतौनी, खसरा सहित अन्य रिपोर्ट उपलब्ध कराए गए हैं। हांलाकि उसके निजी चल अचल संपत्ति के रूप में कुछ नहीं पाया गया है। जब कि पिता अब्दुल गनी पुत्र अब्दुल अजीज के नाम दर्ज संपत्तियों का ब्योरा उपलब्ध कराया गया है।
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