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Raja Bhaiya के मामा Ranjeet Singh Judev का निधन, जानिए कैसा रहा समथर रियासत के महाराज का सियासी सफर

Ranjeet Singh Judev: उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मंत्री रणजीत सिंह जूदेव बीमार होने की वजह से लखनऊ स्थित आवास पर रह रहे थे। उनके अंतिम दर्शन के लिए कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया भी पहुंचे। वह कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे। उन्‍होंने लगातार जीत की हैट्रिक बनाई थी।

 

मामा के अंतिम संस्‍कार में पहुंचे राजा भैयाहाइलाइट्सझांसी की समथर रियासत के महाराज रणजीत सिंह जूदेव का निधन अपने मामा के अंतिम संस्‍कार में पहुंचे कुंडा के विधायक राजा भैया यूपी कांग्रेस के कद्दावर नेता थे जूदेव, कई विभागों में रह चुके थे मंत्री झांसी/लखनऊ: बुंदेलखंड झांसी की पूर्व रियासत समथर के अंतिम राजा राधाचरण सिंह के बेटे और कांग्रेस नेता महाराजा रणजीत सिंह जूदेव (73) का निधन हो गया है। वह जनसत्‍ता दल के अध्‍यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के सगे मामा थे। यूपी के पूर्व गृहमंत्री रह चुके जूदेव का निधन बुधवार को लखनऊ स्थित आवास पर हुआ। वे झांसी की गरौठा विधानसभा से सात बार विधायक और एक बार एमएलसी रहे हैं। प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से विधायक और भदरी रियासत के राजा भैया अपने मामा के अंतिम दर्शन के लिए झांसी पहुंचे। गुरुवार को पूरे राजकीय सम्‍मान के साथ उनका अंतिम संस्‍कार किया गया।

वसुंधरा राजे के समधी थे जूदेव
रणजीत सिंह जूदेव यूपी सरकार में गृहराज्‍य मंत्री, लोकनिर्माण मंत्री, नगर विकास राज्‍य मंत्री और वन राज्‍य मंत्री के रूप में काम कर चुके थे। जूदेव का एक बेटा समरजीत और बेटी निहारिका है। निहारिका की शादी राजस्‍थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की बेटे दुष्‍यंत से हुई है। पिछले कुछ समय से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। उनका जन्‍म 2 अगस्‍त, 1950 को समथर में हुआ था। बीमार होने की वजह से वह कुछ समय से लखनऊ स्थित आवास पर ही रह रहे थे। 2012 के बाद से नहीं लड़े चुनाव
यूपी कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले रणजीत सिंह जूदेव ने 1974, 77 और 1980 में लगातार जीत हासिल की। 1985 में जब वह यूपी के गृहराज्‍य मंत्री बने तो भाजपा के कुंवर मानवेंद्र सिंह चुनाव हार गए थे। इसके बाद उन्‍होंने 1989, 1991 और 1993 में फिर से जीत की हैट्रिक लगाई। 19996 में वह सपा के चंद्रपाल सिंह यादव से चुनाव हार गए। 2002 में फिर उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा। इस बार बसपा के बृजेंद्र कुमार व्‍यास डमडम महाराज ने उन्‍हें हराया। सपा के दीपनारायण सिंह ने उन्‍हें 2007 और 2012 के चुनाव में मात दी। इसके बाद उन्‍होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा। ग्‍वालियर सिंधिया राजघराने से भी नाता
राजा समथर की देश के विभिन्‍न राजघरानों में रिश्‍तेदारियां हैं। कुंडा के विधायक राजा भैया उनकी सगी बहन के बेटे हैं। वसुंधरा राजे के वह समधी हैं। जूदेव की रिश्‍तेदारी ग्‍वालियर सिंधिया राजघराने में भी है। उनके अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। राजा भैया भी मामा का अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे।

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