अभिषेक कुमार झा, वाराणसी: दिग्गज फिल्म निर्माता, निर्देशक और अभिनेता सतीश कौशिक के आकस्मिक निधन से पूरा देश स्तब्ध है। सतीश कौशिक के आकस्मिक निधन से काशी के लोग भी बेहद मर्माहत हैं।
काशी की आध्यात्मिक और धार्मिक विरासत के मुरीद रहे सतीश कौशिक जब भी वाराणसी आए तो काशी विश्वनाथ के दर्शन और मां गंगा की आरती देखे बगैर वापस नहीं गए। 2021 में भी सतीश कौशिक दो बार वाराणसी आए थे। इस दौरान उन्होंने काशी फिल्म फेस्टिवल को एक बेहतरीन कार्यक्रम बताते हुए इसकी खूब प्रशंशा की थी। इतना ही नहीं सतीश कौशिक ने यूपी के फिल्म नीति को भी बेहतरीन प्रयास बताया था।
2021 में वाराणसी में काशी फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए बॉलीवुड के कई दिग्गज कलकार और निर्माता निर्देशक आए थे। सिगरा स्थित फिल्म फेस्टिवल के कार्यक्रम में बोलते हुए सतीश कौशिक ने वाराणसी की समृद्ध ज्ञान, कला, सांस्कृतिक विरासत की खूब प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था कि दुनिया की सबसे पुरातन नगरी काशी अपने प्राचीन विरासत को सहेज कर आधुनिकता के दौड़ में भी अग्रणी है। यहां के लोगों की कला के प्रति समझ और समर्पण फिल्म इंडस्ट्री के लिए बहुत लाभकारी है। यूपी सरकार की फिल्म नीति सही मायने में काशी समेत आसपास के कलाकारों को एक मंच मुहैया कराएगा।
विश्वनाथ दर्शन और गंगा आरती को निहारे बिना यात्रा अधूरीसतीश कौशिक अपने आखिरी दौर पर अनुपम खेर, मधुर भंडारकर जैसे दिग्गजों के साथ आए थे। सतीश कौशिक जब भी वाराणसी आए तो काशी विश्वनाथ का बिना दर्शन पूजन किए वापस नहीं गए। शाम को दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती को शांत भाव से निहारते काशी की आध्यात्मिकता को समझने का प्रयास सतीश कौशिक करते रहते थे। गंगा की बीच धारा में बजरे पर अनुपम खेर और मधुर भंडारकर के साथ बैठ कर गंगा आरती को पूरा समय देते थे ।
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