अनिल सिंह, बांदा: बांदा स्थित मंडल कारागार में मंगलवार की रात अचानक पुलिस अधीक्षक अभिनंदन और जिला अधिकारी दीपा रंजन भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे। इसके बाद जेल के अंदर एक एक बैरक की सघन तलाशी ली गई। माफिया मुख्तार अंसारी की बैरक को भी सुरक्षाकर्मियों ने खंगाला। साथ ही सीसीटीवी कैमरे चेक करने के बाद मुख्तार की गतिविधियों को कंट्रोल रूम से देखा गया। यह कार्रवाई रात को लगभग 2 बजे तक चलती रही। इस दौरान छापामार कार्रवाई में पुलिस को कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली है।
इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने बताया कि रात को लगभग 11.30 जिला अधिकारी के साथ हमने जेल का औचक निरीक्षण शुरू किया। निरीक्षण के दौरान जेल की सभी बैरकों की सघन तलाशी ली गई। इस दौरान जेल में बंद मुख्तार अंसारी की बैरक को भी खंगाला गया। साथ ही जेल के सुरक्षा में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों को चेक किया गया। इसके बाद कंट्रोल रूम से मुख्तार अंसारी की गतिविधियों का भी निरीक्षण किया गया।
छापामार कार्रवाई के बारे में उन्होंने बताया कि जिला अधिकारी और मैं समय पर समय पर जेल का औचक निरीक्षण करते रहते हैं। यह निरीक्षण भी इसी कार्रवाई का हिस्सा है। पुलिस अधीक्षक के मुताबिक निरीक्षण के दौरान जेल के अगल-बगल रहने वाले व्यक्तियों की गतिविधियां और नए व्यक्तियों की जानकारी भी हासिल की गई। इसी तरह जेल में बंदियो से मिलने वाले व्यक्तियों के बारे में जेल के अधिकारियों से बातचीत की गई।
एसपी ने बताया कि जेल अधीक्षक को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि बिना आईडी प्रूफ के किसी व्यक्ति की बंदियों से मुलाकात न कराई जाए। जेल में मिलने आने वाले व्यक्तियों में अगर किसी की गतिविधियां संदिग्ध नजर आए तो उसकी जानकारी कोतवाली प्रभारी क्षेत्राधिकारी नगर या पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक तुरंत उपलब्ध कराएं। उन्होंने स्वीकार किया कि छापामार कार्रवाई करीब 2 से ढाई घंटे तक चली लेकिन इस दौरान कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली।
बताते चलें कि पिछले दिनों माफिया मुख्तार अंसारी की बहू निखत अंसारी अपने पति अब्बास अंसारी से चित्रकूट जेल में गुपचुप तरीके से मिलने के आरोप में गिरफ्तार की गई थी। इसके बाद अब्बास अंसारी और उनकी पत्नी की मदद करने वाले व्यक्तियों की कुंडली एसटीएफ ने खंगालनी शुरू की। इसी कड़ी में 2 दिन पहले ही सपा नेता व ठेकेदार रफीकुशमद के घर पर एसटीएफ ने छापा मारा था। जहां ठेकेदार के पुत्र और उनकी पत्नी को एसटीएफ अपने साथ ले गई। इस परिवार को मुख्तार अंसारी और उनके बेटे का मददगार माना जा रहा है। जेल में हुई छापामार कार्रवाई भी इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है।
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