बरेली: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित 12वीं की परीक्षा में बरेली जिले में एक अधेड़ परीक्षार्थी एक हाथ में लेमिनेटेड प्रवेश पत्र और दूसरे हाथ में पानी की बोतल और राइटिंग पैड लिए छात्रों के बीच आकर्षण का केंद्र बने थे। उनका आकर्षण इसलिए था क्योंकि वह जिले के पूर्व विधायक हैं और इस उम्र में परीक्षार्थी के रूप में उनके प्रति लोगों में हैरानी और कौतूहल के साथ प्रशंसा का भी भाव देखा गया।
51 वर्षीय पूर्व विधायक मिश्र ने कहा, ‘परीक्षा देने के लिए आया तो छात्र पहले तो मुझे देखकर हैरान रह गए, लेकिन वे यह देखकर खुश हुए कि उनके क्षेत्र का एक राजनेता उनके साथ परीक्षा में शामिल हो रहा है।’
मिश्रा को 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से टिकट मिला और उन्होंने बरेली के बिथरी चैनपुर निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की। हालांकि, उन्हें पिछले साल विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी से टिकट से वंचित कर दिया गया था। एक राजनीतिज्ञ के रूप में अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद, मिश्रा ने अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने का फैसला किया।
राजेश मिश्रा ने कहा, ‘मैंने सोचा कि मुझे 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।’ इस उम्र में अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने के इरादे के पीछे मिश्रा की दलील है कि अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने से उन्हें अपने युवा मतदाताओं के साथ बेहतर तरीके से जुड़ने में मदद मिलेगी और इसके साथ उन्होंने एक बड़ा लक्ष्य भी निर्धारित किया है।
क्षेत्र में पप्पू भरतौल के नाम से चर्चित पूर्व विधायक ने कहा, ‘एक जनप्रतिनिधि के रूप में मैंने महसूस किया कि बहुत बड़ी संख्या में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को न्याय नहीं मिल पाता क्योंकि वह अधिवक्ताओं का खर्च वहन नहीं कर पाते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसे लोगों की मदद करना चाहता हूं और ऐसा करने के लिए मैं अधिवक्ता बनना चाहता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘अब मैं आगे अपनी पढ़ाई जारी रखूंगा और इसीलिए मैंने विज्ञान वर्ग में रुचि होने के बावजूद कला वर्ग को चुना ताकि अपनी मंजिल हासिल कर सकूं।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने बोर्ड परीक्षा के लिए अपने विषयों के रूप में हिंदी, ललित कला, सामाजिक अध्ययन, नागरिक शास्त्र और समाजशास्त्र को चुना है। ये विषय मुझे कानून की पढ़ाई में भी मदद करेंगे।’ विज्ञान में रुचि रखने वाले व्यक्ति के रूप में कला विषयों के साथ उनकी एकमात्र शिकायत यह है कि उन्हें बहुत कुछ लिखना पड़ता है।
तीन बड़े बच्चों के पिता मिश्रा ने कहा, ‘मैं रात में 11 बजे से पढ़ता हूं और दिन के समय में भी मुझे पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने का समय मिल जाता है।’
जैसे अन्य परीक्षार्थियों को बोर्ड परीक्षा में अपने परिवार से सहयोग मिलता है, उसी तरह मिश्रा को भी परिवार पूरी तरह सहयोग दे रहा है और बच्चे उनका मार्गदर्शन भी करते हैं। मिश्रा ने मुस्कराते हुए कहा, ‘मेरे बच्चे मेरी पढ़ाई में मेरी मदद करने की पेशकश करते रहते हैं और मुझे परीक्षा में बेहतर करने और परीक्षा के तनाव को प्रबंधित करने के गुर भी बताते हैं।’
मिश्रा को विश्वास है कि वह परीक्षा पास कर लेंगे और एक राजनीति में सक्रियता के साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रखेंगे। मिश्रा ने कहा, ‘मैं किसी भी चीज की चिंता किए बिना अपनी पढ़ाई पर ध्यान देता हूं। यहां तक कि मैं युवा छात्रों को भी यही कहता हूं। फोकस के साथ काम करना जीवन में सफलता का एकमात्र मंत्र है।’
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