लखनऊ: सांसदों-विधायकों का फोन न उठाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। शासन ने इसके लिए सभी विभागीय प्रमुखों, डीजीपी, कमिश्नर और डीएम को निर्देश जारी किए हैं। कहा गया है कि जो अधिकारी जनप्रतिनिधियों का फोन नहीं उठाते या कॉल बैक नहीं करते, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव आगे बढ़ाया जाए।
संसदीय कार्य विभाग से जारी निर्देश में इस बात पर खास तौर पर नाराजगी जताई गई है कि मंडलों और जिलों में जनप्रतिनिधियों के प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा है। अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं। उनके कार्यालयों में जनप्रतिनिधियों का फोन नंबर नोट करवाने के बाद भी अधिकारी उस पर कॉल बैक नहीं करते हैं। विधानसभा की संसदीय अनुश्रवण समिति ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
मुख्य सचिव स्तर से भी प्रोटोकॉल और शिष्टाचार के पालन के निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि जनप्रतिनिधियों के फोन को गंभीरता से लिया जाए। अधिकारी कॉल रिसीव करें। बैठक में होने या फोन न उठाने पर कॉल बैक करें। इन निर्देशों का पालन न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव हर हाल में शासन को भेजा जाएगा।
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