यूपी पुलिस
– फोटो : अमर उजाला।
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अलीगढ़ के विजयगढ़ थाने की बिल्डिंग के दूसरे माले से किशोरी द्वारा छलांग लगाकर आत्महत्या करने के मामले में विवेचना अब इंस्पेक्टर क्वार्सी को सौंपी गई है। संबंधित थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर, मुकदमा विवेचक व महिला आरक्षी इसमें आरोपी हैं। इसलिए यह विवेचना दूसरे थाने को दी गई है। सोमवार को विवेचना सौंपे जाने की औपचारिकता पूर्ण की गई। साथ में इस मामले में हाईकोर्ट में भी जवाब दाखिल कर अब तक की कार्रवाई से अवगत कराया गया है।
मई 2022 का मामला है, पुलिस बहला-फुसलाकर ले जाई गई किशोरी को पिलुआ एटा से बरामद कर लाई थी। हालांकि बरामद किशोरी को मेडिकल परीक्षण के बाद वन स्टॉप सेंटर में ही रखना था। मगर उसे थाने में ही महिला सिपाही शिखा की सुपुदर्गी में रखा गया। इसी बीच उसने छलांग लगा दी और उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर हुई।
इसी आधार पर एसपी देहात व मजिस्ट्रेट द्वारा की गई जांच में तत्कालीन इंस्पेक्टर दयानारायण त्रिपाठी, विवेचक बद्रीराम और महिला आरक्षी शिखा व एक अन्य को दोषी पाया गया। इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर अब इन पर मुकदमा दर्ज किया है, जिसमें किशोरी को अवैध रूप से हिरासत में रखने का आरोप है।
इस मुकदमे की विवेचना अब इंस्पेक्टर क्वार्सी अरविंद राठी को सौंपी गई है। साथ में चारों आरोपियों को लाइन हाजिर कर अब तक हुई कार्रवाई से हाईकोर्ट को अवगत कराया गया है। एसपी देहात पलाश बंसल ने विवेचना क्वार्सी इंस्पेक्टर को दिए जाने की पुष्टि की है।
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