
मारुति सुजुकी इंडिया ने राजस्थान परिवहन विभाग के साथ एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत, राज्य के 20 शहरों में 21 स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक (ADTT) स्थापित किए जाएंगे। इन शहरों में जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर और बीकानेर जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। यह पहल कंपनी की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ड्राइविंग लाइसेंस परीक्षण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के अनुरूप बनाना है। ये ट्रैक दोपहिया और हल्के मोटर वाहन लाइसेंस आवेदकों के लिए बनाए जा रहे हैं। यहां उच्च-परिभाषा कैमरे, RFID सेंसर, वीडियो एनालिटिक्स और एक अंतर्निहित आईटी सिस्टम जैसी उन्नत तकनीक का उपयोग किया जाएगा। जयपुर में हुए समझौते पर हस्ताक्षर समारोह में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और उपमुख्यमंत्री एवं परिवहन मंत्री प्रेमचंद बैरवा भी मौजूद थे। राज्य सरकार ने इस पहल को अपने 10 वर्षीय सड़क सुरक्षा कार्य योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया है। लाइसेंस परीक्षण के स्वचालन से सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में मदद मिलेगी। मारुति सुजुकी ने पहले ही उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, उत्तराखंड, हरियाणा और जम्मू सहित कई राज्यों में 45 स्वचालित ट्रैक स्थापित किए हैं। राजस्थान में इन 21 ट्रैक्स के जुड़ने से यह संख्या बढ़कर 66 हो जाएगी। कंपनी ने कई राज्यों में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च और रोड सेफ्टी नॉलेज सेंटर भी स्थापित किए हैं। मारुति सुजुकी का मानना है कि ये ट्रैक केवल लाइसेंस प्रक्रिया के डिजिटलीकरण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सड़क सुरक्षा में सुधार की दिशा में एक तकनीक-आधारित बड़ा बदलाव है।

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