हर कार मालिक चाहता है कि उसकी गाड़ी हमेशा साफ-सुथरी और चमकदार दिखे। कार को खूबसूरत बनाए रखने के लिए उसे समय-समय पर धोना जरूरी होता है। लेकिन, यह तय करना मुश्किल होता है कि उसे कितनी बार धोया जाए। अगर आप कार को बहुत बार धोते हैं तो इससे पेंट पर असर पड़ सकता है, और अगर लंबे समय तक नहीं धोते हैं तो गंदगी जम सकती है जिससे आपकी कार खराब हो सकती है।
अगर आप अपनी कार को लंबे समय तक बिना धोए रखते हैं, तो उस पर धूल-मिट्टी और कीचड़ की परत जम जाती है। इससे न केवल कार का लुक खराब होता है, बल्कि पेंट पर भी असर पड़ता है। वहीं, अगर आप कार को हर दूसरे या तीसरे दिन साबुन और शैम्पू से धोते हैं, तो इससे पेंट की चमक धीरे-धीरे कम हो सकती है, क्योंकि बार-बार केमिकल वाले क्लीनर के इस्तेमाल से पेंट की परत कमजोर होने लगती है।
कार धोने की सही फ्रीक्वेंसी किसी एक फार्मूले से तय नहीं की जा सकती, क्योंकि यह कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि आप किस जगह पर रहते हैं, आप रोजाना कितना ड्राइव करते हैं, और मौसम का असर कितना है।
अगर आप शहर में रहते हैं, तो आपको महीने में कम से कम 2 से 4 बार कार धोनी चाहिए। यानी हर हफ्ते या 15 दिन में एक बार कार धोनी चाहिए, क्योंकि शहर में धूल का स्तर अधिक होने से सतह पर मैल जल्दी जम जाती है। बरसात के मौसम में कार धोने की जरूरत बढ़ जाती है, क्योंकि बारिश के बाद सड़क कीचड़ से भर जाती है। ठंड के मौसम में कार महीने में 3-4 बार धोना सही रहेगा। गर्मियों में धूल के साथ-साथ पक्षियों की बीट और पेड़ों का राल भी पेंट को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए 2 हफ्ते में एक बार वॉश जरूरी है।
सिर्फ धोने की फ्रीक्वेंसी ही नहीं, बल्कि धोने का तरीका भी कार की उम्र और लुक पर असर डालता है। हमेशा सॉफ्ट माइक्रोफाइबर कपड़ा, हल्का कार शैम्पू और पर्याप्त पानी का इस्तेमाल करें। प्रेशर वॉशर का इस्तेमाल करते समय ध्यान रखें कि पानी की धार बहुत तेज न हो।