अरुणाचल प्रदेश के मंत्री ओजिंग तासिंग ने बताया कि राज्य सरकार बांस को रिन्यूएबल फीडस्टॉक के रूप में उपयोग करके देश का पहला निजी 2जी एथनॉल प्लांट स्थापित करने की योजना बना रही है। यह कदम राज्य को स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में आगे ले जाएगा। मंत्री ने कहा कि यह पहल राज्य के लिए हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगी। यह परियोजना तकनीकी सफलता से बढ़कर है, जो भारत के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन का नेतृत्व करने के लिए अरुणाचल प्रदेश के संकल्प को दर्शाती है। बांस का उपयोग राज्य के प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों के अनुरूप है। एथनॉल संयंत्र पर्यावरण-अनुकूल औद्योगीकरण को बढ़ावा देगा और स्थानीय समुदायों के लिए नए आर्थिक अवसर खोलेगा। इथेनॉल का उपयोग गाड़ियों के लिए वैकल्पिक ईंधन के रूप में किया जाता है। यह अब तक गन्ना और मक्के जैसी फसलों से बनाया जाता है और पेट्रोल के साथ मिलाकर उपयोग किया जाता है, जिसका उद्देश्य पेट्रोल की खपत और प्रदूषण को कम करना है।
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बांस से भी चलेंगी गाड़ियाँ: अरुणाचल प्रदेश में पहला निजी एथनॉल प्लांट
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