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Author: Lok Shakti
हम सब एक नए समाज में जी रहे हैं। इस नए समाज का ताना-बाना सिर्फ प्राप्त करने के लिए है। हमने एक-दूसरे की चिंता करना छोड़ दिया है। अपनी जरूरतों के हिसाब से हमने अपनी जिम्मेदारी तय कर दी है कि जो मुखिया है, उसका काम जरूरत की पूर्ति करना है। मुखिया के लिए जिम्मेदारी तय करते समय हम भूल जाते हैं कि वह मुखिया भी हमारी तरह मनुष्य है। उसके भीतर भी दुख-सुख हिल्लोरे मारता है। कभी उसका भी मन होता होगा कि वह खुलकर हंसे, कभी खुलकर रोये। उसे भी एक कांधे की जरूरत होती है जिस पर…
-ललित गर्ग-कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने भारी तबाही मचायी, अधिकांश परिवारों को संक्रमित किया, लम्बे समय तक जीवन ठहरा रहा, अनेक बंदिशों के बीच लोग घरों में कैद रहे, अब सोमवार से दिल्ली सहित देश के अनेक भागों में जनजीवन फिर से चलने लगेगा। कोरोना वायरस के कारण आत्मकेन्द्रित सत्ताओं एवं जीवनशैली के उदय होने की स्थितियों को आकार लेते हुए देखा गया है जिसमें दुनिया कहीं ज्यादा सिमटी और संकीर्णता से भरी उदासीन एवं अकेलेपन को ओढ़े हैं। मानवता के इस महासंकट के समय सबसे बड़ी कमी जो देखने को मिली है वो है किसी वैश्विक नेतृत्व का…
मित्रों , सोशल मीडिया में वटसावित्री व्रत को लेकर एक संदेश घूम रहा है जिसमे लिखने वाले का नाम , पता मोबाइल नम्बर आदि कुछ भी नही दिया गया है। उस संदेश के कारण आम लोगों को शंका हो रही है , इसलिये किसी भी तरह के अप्रमाणित संदेश को न् ही स्वयं चिंतन करें और न् ही आगे किसी को भेजें।आईये आपको शास्त्रों में दिये गये प्रमाणों के आधार पर इस व्रत से अवगत कराता हूँ। कि 9 जून बुधवार को ही क्यो मनाना सही है। *पण्डित मनोज शुक्ला*आम जन मानस यही समझते है कि हर तीज त्यौहार व्रत को उदयातिथि में…
छक-छक कर दाना चुगने के बाद कैद के डर से सहहदों के पार जा चुकी चिड़िया पराए हाथों पकड़ तो ली गई. लेकिन उसे अपने पिंजरे में कैद करने की हसरत अधूरी जो रह गई जिससे काश दूसरी चिड़ियों को भी नसीहत मिल पाती? सच है, मेहुल चोकसी अभी भारत नहीं आएगा पर कभी नहीं यह पता नहीं. सारे के सारे मंसूबों पर पानी फिर गया लगता है? बस यूं लगने लगा था कि धोखा देकर फुर्र हुई चिड़िया अब हाथ आई की तब! लेकिन ऐसा हो नहीं सका. यह सही भी है और अपवाद भी नहीं कि कानूनी पेचीदगियां…
कोरोना महामारी के प्रकोप से शायद ही कोई परिवार बच पाया हो। किसी ने अपनों का खो दिया तो किसी के परिवार पर इस लिए मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा क्योंकि अपनोे को बचाने के चक्कर में उसकी वर्षो की जमा पूंजी कुछ भ्रष्ट डाक्टरों,कालाबाजारियों और नर्सिंग होम संचालकों ने इलाज के नाम पर चट कर ली, जिसके चलते किसी का खेत बिक गया तो किसी का घर,किसी की लड़की की शादी रूक गई तो किसी का मकान अधूरा ही बना रह गया। कोरोना महामारी ने ऐसी कमर तोड़ी कि लोग लोन की किस्तें, बच्चों की स्कूल फीस भी नहीं…
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमों मायावती ने चुनावी साल में अपने दो दिग्गज नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा कर यह साबित कर दिया है कि चुनाव आते-जाते रहते हैं लेकिन पार्टी में रहकर उनको कोई धोखा नहीं दे सकता है, जो धोखा देने या पीठ में छुरा भोंकने की सोचता भी हैं,उनको बहनजी सुधरने का मौका देने के बजाए ‘सजा’ सुनाती हैं।इसी के चलते बहनजी द्वारा बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय महासचिव राम अचल राजभर को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। दरअसल,सत्ता के गलियारों में यह चर्चा काफी समय से…
प्रख्यात जैन आचार्य, मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक व ज्योतिषाचार्य ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी का 2 जून, 2021 की मध्यरात्रि में इंदौर के मोहक अस्पताल में देवलोकगमन हो गया। 64 वर्षीय जैन संत कोविड संक्रमित थे और पिछले छह दिन से उनका मोहक अस्पताल में सघन इलाज चल रहा था। साइटो काइंड स्टार्म के कारण उनके फेफड़ों में 80 प्रतिशत तक संक्रमण हो चुका था। अस्पताल में आने के बाद उन्हें आइसीयू में बाइपेप पर रखा गया। एक दिन बाद ही उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। इलाज के दौरान उन्हें एंटीबाडी, प्लाज्मा, रेमडेसिविर व टासलीजुबैम इंजेक्शन भी दिया गया। उन्हें डीआरडीओ द्वारा तैयार…
विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इंसानों को प्रकृति, पृथ्वी एवं पर्यावरण के प्रति सचेत करने के लिए यह खास दिवस मनाया जाता है, और देश एवं दुनिया में पर्यावरण संरक्षण की याद दिलाई जाती है। यह सर्वविदित है कि इंसान व प्रकृति के बीच गहरा संबंध है। इंसान के लोभ, सुविधावाद एवं तथाकथित विकास की अवधारणा ने पर्यावरण का भारी नुकसान पहुंचाया है, जिसके कारण न केवल नदियां, वन, रेगिस्तान, जलस्रोत सिकुड़ रहे हैं बल्कि ग्लेशियर भी पिघल रहे हैं, जो विनाश का संकेत तो है ही, जिनसे मानव जीवन भी असुरक्षित होता जा…