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Author: Lok Shakti
उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधान सभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी आलाकमान ने बिसात बिछाना शुरू कर दी है। कौन होगा मुख्यमंत्री पद का दावेदार ? इस ‘रहस्य’ से पर्दा लगभग हट चुका है। 2022 में होने वाले विधान सभा चुनाव में मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे,लेकिन इसको लेकर कुछ बीजेपी नेता संशय भी बढ़ा रहे हैं। इसमें सबसे बड़ा नाम बीजेपी के पिछड़ा समाज से आने वाले नेता केशव प्रसाद मौर्य का है जो 2017 चुनाव के समय संगठन की कमान संभाले हुए थे और सीएम पद…
स्वतंत्रता के तत्काल बाद के चरण में, जैसा कि पहली चार पंचवर्षीय योजनाओं के अवलोकन से पता चलता है, छात्रावासों की स्थापना सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिए पर रहने वाले समूहों जैसे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बीच बड़े पैमाने पर समाज कल्याण विभाग, जनजातीय कल्याण विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत योजनाओं के माध्यम से शैक्षिक संकेतकों में सुधार करने की रणनीति के रूप में उभरी। यह तर्क न केवल रहने की लागत को कवर करने और स्कूली शिक्षा सुविधाओं तक पहुंचने में सक्षम होने के लिए भौतिक, आवासीय स्थान और भोजन तक पहुंच…
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की सख्ती के बाद भी लव-जेहाद और धर्मांतरण की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कहीं बरगला कर तो कहीं लालच ओर धोखा देकर लोगों का धर्म परिर्वतन कराया जा रहा है। इसी तरह से करीब एक हजार लोगों का धर्मांतरण कराए जाने की एक घटना का पुलिस ने खुलासा करते हुए एक धार्मिक मुहिम चलाने वाले संगठन के दो लोगों को गिरफतार किया है,इन लोगों ने करीब एक हजार लोगों का धर्म परिर्वतन कराए जाने की बात कबूली हैं। पहले बाद लव-जेहाद की जो सामाजिक रूप से काफी घिनौना कृत्य…
कोरोना महामारी ने हमारी जीवनशैली की दिशाओं में आमूल-चूल परिवर्तन कर दिया है। कोरोना वायरस के कारण हमारी आदतें और हमारी दिनचर्या काफी हद तक बदल गई है, जिसे हम हर दिन अनुभव भी कर रहे हैं और जी भी रहे हैं। इतिहास की कई बड़ी आपदाओं के बाद सामाजिक, आर्थिक समझ और जीवनशैली में व्यापक बदलाव देखे गए हैं लेकिन कोरोना संकट के दौर ने तो सबकुछ ही बदल दिया है, हमारे खानपान और जीवन के तौर-तरीकों से लेकर हमारी कार्यशैली एवं सोचने की दिशाएं सब कुछ बदल गयी है। आने वाले समय में इन बदलावों का बड़ा असर…
कोविड-19 महामारी ने हर देश के नेतृत्व के सामने बड़ी चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। इससे न केवल मानव जीवन का नुकसान हुआ है बल्कि विभिन्न क्षेत्रों और अर्थव्यवस्थाओं को भी नुकसान हुआ है। मध्यम विकास दर, नाजुक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और प्रचलित गरीबी के कारण भारत जैसे उभरते/विकासशील देशों में इस महामारी का प्रभाव तुलनात्मक रूप से अधिक है।स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र इस अभूतपूर्व वैश्विक महामारी चुनौती के केंद्र में है। कोविड-19 ने नाजुक भारतीय स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे पर भारी बोझ डाला है। स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं की अपर्याप्तता, स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव और निजी…
अंतर्राष्ट्रीय पिता दिवस यानी फादर्स डे जून माह के तीसरे रविवार को मनाया जाता है, इस साल 20 जून 2021 को भारत समेत विश्वभर में मनाया जायेगा। पिताओं के सम्मान में व्यापक रूप से मनाया जाने वाला यह एक खास पर्व है, अवसर है क्योंकि पिता रिश्तों के शिखर होते हैं। हर पिता अपनी संतान को हार न मानने और हमेशा आगे बढ़ने की सीख देते हुए हौसला बढ़ाते हैं। पिता से अच्छा मार्गदर्शक, हितैषी, गुरु कोई हो ही नहीं सकता। हर बच्चा अपने पिता से ही सारे गुण सीखता है जो उसे जीवनभर परिस्थितियों के अनुसार ढलने और लड़ने…
दुनिया भर के अधिकांश कृषि या ‘किसान’ समाजों में, आवधिक बाजार सामाजिक और आर्थिक संगठन की एक केंद्रीय विशेषता है। साप्ताहिक बाजार आसपास के गांवों के लोगों को एक साथ लाते हैं, जो अपनी कृषि या अन्य उपज बेचने और निर्मित सामान और अन्य सामान खरीदने के लिए आते हैं जो उनके गांवों में उपलब्ध नहीं हैं। वे स्थानीय क्षेत्र के बाहर के व्यापारियों के साथ-साथ साहूकारों, मनोरंजन करने वालों, ज्योतिषियों और अपनी सेवाओं और सामानों की पेशकश करने वाले कई अन्य विशेषज्ञों को आकर्षित करते हैं। ग्रामीण भारत में ऐसे विशिष्ट बाजार भी हैं जो कम अंतराल पर होते…
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का 7वां उत्सव भारत के साथ-साथ दुनियाभर के अधिकांश देशों में 21 जून 2021 सोमवार को नई थीम- “योग के साथ रहें, घर पर रहें” के तहत मनाया जाएगा। वर्तमान कोविड-19 महामारी के चलते अपने अंदर सकारात्मक ऊर्जा और बेहतर रोग प्रतिशोधक क्षमता विकसित करने के लिए योग का महत्व और भी अधिक हो चला है। योग की महत्व को लेकर भारत के प्रयासों के चलते दुनियाभर के देशों ने इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा में स्वीकारा और 21 जून 2015 में पहली बार इसे विश्व स्तर पर मनाया गया। भारतीय योग एवं ध्यान के माध्यम से भारत…
उत्तर प्रदेश में धीरे-धीरे चुनावी माहौल बनने लगा है। तमाम दलों के नेताओं की यूपी में सक्रियता बढ़ गई है, जो लोकतंत्र में स्वभाविक भी है, इसी से देश को मजबूती मिलती है, लेकिन चिंता तब बढ़ जाती है जब तमाम राजनैतिक दल और उनके नेता एवं समर्थक पर्दे के पीछे से चुनाव जीतने हराने के लिए साजिशें रचना शुरू कर देते हैंै। खुले तौर पर राजनैतिक दलों द्वारा यह साजिशें अपने पक्ष में वोटों के धु्रवीकरण के लिए रची जाती हैं। इसी लिए चुनावी वर्ष में किसी भी राज्य सरकार के लिए प्रदेश मंे अमन-चैन और सौहार्द बनाए रखना…