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Author: Lok Shakti
दरअसल अंधविश्वास पर जब भी बात होती है तो लगता है कि पढ़े लिखे जमाने मेंऔर कब तक….! वहीं फक्र है कि 21 वीं सदी के जेट युग में हम, अपने अंतरिक्ष यान कोमंगल की कक्षा में पहले ही प्रयास में स्थापित करने में 25 सितंबर 2014 को सफल हुए।यह अंधविश्वास नहीं था। दूसरी ओर ठीक साल भर बाद 2 सितंबर 2015 को अमेरिका जैसेविकसति देश की वायुसेना में एक भारतीय महिला डेबरा शोनफेल्ड मैरिलैंड जो भारतीयसंगीत सुनती और योग करतीं। एक सहकर्मी को लगता कि जादू-टोना भी करती है। बसइसीलिए डेन्टल टेक्नीशियन डेबरा बरखास्त कर दी गई।21 सितंबर 2015…
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सशक्त भारत-निर्माण के लिए भारतीय भाषाओं के प्रयोग की प्रासंगिकता व्यक्त करते हुए कहा कि जब अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले राज्यों के लोग आपस में बातचीत करें तो उन्हें अंग्रेजी के बजाय हिन्दी को या देश की ही किसी अन्य भाषा को इसका माध्यम बनाना चाहिए।’ निश्चित ही बातचीत एवं व्यवहार की भाषा के रूप में हिन्दी या अन्य भारतीय भाषाओं का प्रयोग करने से राष्ट्रीय विकास के नए क्षितिज खुलेंगे, नवाचार के नए-नए आयाम उभरेंगे। भारतीय भाषाओं में बातचीत, व्यवहार, चिंतन एवं शिक्षण से सृजनात्मक एवं स्व-पहचान की दिशाएं उद्घाटित होगी। वास्तव में स्व-भाषाएं…
महावीर का संपूर्ण जीवन स्व और पर के अभ्युदय की जीवंत प्रेरणा है। लाखों-लाखों लोगों को उन्होंने अपने आलोक से आलोकित किया है। इसलिए महावीर बनना जीवन की सार्थकता का प्रतीक है। महावीर बनने का अर्थ है स्वस्थ जीवन जीना, रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करना। प्रत्येक वर्ष हम भगवान महावीर की जन्म-जयन्ती मनाते हैं, लेकिन इस वर्ष उस महान् आत्म-क्रांति के वीर महापुरुष की जयंती को कोरा आयोजनात्मक नहीं बल्कि प्रयोजनात्मक स्वरूप देना है। इसकेे लिये हर व्यक्ति अपने भीतर झांकने की साधना करें, महावीर को केवल पूजे ही नहीं हैं, बल्कि जीवन में धारण कर लें। जरूरी है…
भारत की राजनीति में खैरात बांटने एवं मुफ्त की सुविधाओं की घोषणाएं करके मतदाताओं को ठगने एवं लुभाने की कुचेष्टाओं में सभी राजनीतिक दल लगे हैं। महज राजनीतिक लाभ एवं वोट बैंक को प्रभावित करने के उद्देश्य से मुफ्तखोरी को बढ़ावा देना सरकारों के आर्थिक असंतुलन के साथ ही आत्मघाती उपक्रम है। केंद्र सरकार को उन राज्यों को चेताना चाहिए जो कर्ज चुकाने की क्षमता खोते चले जाने के बाद भी मुफ्त की योजनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। इससे उत्पन्न गंभीर आर्थिक संकट को नजरअंदाज करना राजनीतिक अपरिवक्वता का द्योतक है, वही अवसरवादी एवं स्वार्थ की राजनीति को पनपाने…
हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की पुनःर्स्थापना के लिये भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्रीराम के रूप में अवतार लिया था। श्रीरामचन्द्रजी का जन्म चैत्र शुक्ल की नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में रानी कौशल्या की कोख से, राजा दशरथ के घर में हुआ था। रामनवमी का त्यौहार इस वर्ष 10 अप्रैल 2022 को मनाया जायेगा। इस पर्व के साथ ही माँ दुर्गा के नवरात्रों का समापन भी होता है। हिन्दू धर्म में रामनवमी के दिन पूजा अर्चना की जाती है। रामनवमी का सनातन धर्म में…
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि कश्मीरी हिन्दुओं की कश्मीर में वापसी इस तरह होनी चाहिए कि उन्हें फिर उजाड़ा न जा सके, उस पर सरकार ही नहीं, सभी दलों को भी गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। भागवत का यह बयान न केवल कश्मीरी पंडितों के दर्द, वेदना, उपेक्षा के घावों पर मरहम लगाने का काम कर रहा है, बल्कि उनके दर्द को समझने के साथ ऐसा वातावरण बनाने में सहयोग देने की अपेक्षा को भी उजागर कर रहा है कि कश्मीर में हिन्दुओं की वापसी सम्मानजनक तरीके से हो, उनको इस तरह मजबूती से बसाया…
राजस्थान की उत्सव संस्कृति जहां समृद्ध है वहीं उसमें जीवन के रंग, कला, शौर्य, पराक्रम एवं बलिदान की भावना देखने को मिलती है। यहां का सिरमौर पर्व है गणगौर। इस पर्व में राजस्थान की बहुरंगी संस्कृति, शौर्य और भावों का एक साथ मिलन देखने को मिलता है। एक से बढ़कर एक अद्भुत और अविस्मरणीय संस्कृति के रंग इस पर्व से जुड़े हैं, जो कला और संस्कृति की समृद्धि को सुशोभित करते हैं, जिससे राजस्थानी महिलाओं का जीवन रंग संस्कृति और उत्सव से भरा हुआ दिखाई पड़ता है। गणगौर मेले का आयोजन भी महिलाओं एवं कन्याओं की मस्ती के साथ और…
राष्ट्र में अन्याय, शोषण, भ्रष्टाचार, अनाचार और राजनीतिक अराजकता के विरुद्ध समय-समय पर क्रांतियां होती रही हैं। लेकिन उनका साधन और उद्देश्य शुद्ध न रहने से उनका दीर्घकालिक परिणाम संदिग्ध रहा है। यही कारण है कि लोकतंत्र को जीवंतता देने की बात हो या भ्रष्टाचार मुक्ति का आह्वान, असरकारक नहीं हो पा रहे हैं। सत्ता और संपदा के शीर्ष पर बैठकर यदि जनतंत्र के आदर्शों को भुला दिया जाता है तो वहां लोकतंत्र के आदर्शों की रक्षा नहीं हो सकती। पश्चिम बंगाल विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्षी नेताओं के बीच हाथापाई इसी का नतीजा थी। पिछले दिनों वहां के…
पश्चिम बंगाल विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच हाथापाई और नेता प्रतिपक्ष समेत पांच भाजपा विधायकों के निलंबन की घटना एक बार फिर भारतीय लोकतंत्र को शर्मसार कर गई। भारत का लोकतंत्र दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, इसको सशक्त बनाने की बात सभी राजनैतिक दल करते हैं, सभी ऊंचे मूल्यों को स्थापित करने की, आदर्श की बातों के साथ आते हैं पर सत्ता-संचालन एवं विधायी कार्रवाही में सारी मर्यादाओं एवं लोकतांत्रिक मूल्यों पर ताक पर रखकर एक ही संस्कृति-हिंसा एवं अराजकता की संस्कृति को अपना लेते हैं। पश्चिम बंगाल के विधानसभा में हिंसा का जो…
सच में प्रकृति की अनदेखी वो बड़ी भूल है जो पूरी मानवता के लिए जीवन, मरण का सवाल है। बसवैज्ञानिकों तक ज्वलंत विषय की सीमा सीमित कर कर्तव्यों की इतिश्री मान हमने वो बड़ी भूल या ढिठाई की हैजिसका खामियाजा हमारी भावी पीढ़ी भुगतेगी। इसे हम जानते हैं, लेकिन फिर भी हैं कि मानते नहीं। इसेनाइंसाफी कहें या गद्दारी, कुछ भी कह लें लेकिन सच है। यह कभी क्यों नहीं चुनावी एजेण्डा बनता किराजनीतिक दलों, उनके आकाओं, जनप्रतिनिधियों तथा नुमाइन्दगी का ख्वाब देखने वालों को तेजी से बदल रहीप्रकृति और उसके कारणों के बारे में कितना पता है? सच तो…