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Author: Lok Shakti
भारतीय लोकतंत्र के सम्मुख एक ज्वलंत प्रश्न उभर के सामने आया है कि क्या भारतीय राजनीति विपक्ष विहीन हो गई है? आज विपक्ष इतना कमजोर नजर आ रहा है कि सशक्त या ठोस राजनीतिक विकल्प की संभावनाएं समाप्त प्रायः लग रही हैं। इतना ही नहीं, विपक्ष राजनीति ही नहीं, नीति विहीन भी हो गया है? यही कारण है कि आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर तक पहुंचते हुए राजनीतिक सफर में विपक्ष की इतनी निस्तेज, बदतर एवं विलोपपूर्ण स्थिति कभी नहीं रही। इस तरह का माहौल लोकतंत्र के लिये एक चुनौती एवं विडम्बना है। भले ही पूर्व दशकों में कांग्रेस…
भारत के लिये यह बेहद चिन्ताजनक एवं दुखद स्थिति है कि बड़ी संख्या में नवयुवतियां एवं महिलाएं धूम्रपान के जाल में फंसती जा रही है। ताजा अध्ययन बताते हैं कि 20 प्रतिशत महिलाएं तंबाकू उत्पादों की गिरफ्त में फंस चुकी हैं। वे इस बात से बेखबर है कि धूम्रपान की लत उन्हें जीवनभर की परेशानी दे सकती हैं। जीवन बहुमूल्य है और हमें इस जीवन को खुल कर जीना चाहिए, इसका भरपूर आनंद उठाना चाहिए, लेकिन नशे में बर्बाद करना बुद्धिमानी नहीं है। कितना अच्छा होता कि जो महिलाएं आज तंबाकू का सेवन कर रही हैं और जीवन को धुएं…
भारतीय संस्कृति में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है, यह अध्यात्म-जगत विशेषतः सनातन धर्म का महत्वपूर्ण उत्सव है, इसे अध्यात्म जगत की बड़ी घटना के रूप में जाना जाता है। आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है, हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, इसलिये इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते है। इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी होता है। इसदिन शिष्य अपने गुरु की पूजा करते हैं और अपने गुरु को यथाशक्ति दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र, उपहार आदि भेंट करते हैं। ज्योतिषी कहते हैं कि इस दिन गुरु के आशीर्वाद से धन-सम्पत्ति,…
भारत अगले साल दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला मुल्क होने जा रहा है, चौंकाने एवं चिन्ता में डालने वाली इस खबर के प्रति सचेत एवं सावधान होने के साथ सख्त जनसंख्या नियंत्रण नीति लागू करने की अपेक्षा है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी रिपोर्ट ने बताया है कि भारत साल 2023 में ही चीन से ज्यादा आबादी वाला देश हो जाएगा। जबकि पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि साल 2027 में भारत दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश होगा। बढ़ती जनसंख्या की चिन्ता में डूबे भारत के लिये चार पहले ही दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला…
संयुक्त राष्ट्र की ताजा वैश्विक खाद्य सुरक्षा रिपोर्ट में दुनिया में भुखमरी की स्थिति पहले के मुकाबले ज्यादा विकराल होने की स्थितियां तमाम विकास की तस्वीरों पर एक बदनुमा दाग है। दुनिया में उभरती आर्थिक महाशक्तियों, व्यवस्थाओं एवं विकास के बीच भूखे लोगों की तादाद में इजाफा होना दुनिया के विकास एवं संतुलित समाज की संरचना पर एक गंभीर प्रश्न है। कहीं-ना-कहीं दुनिया के विकास मॉडल में खामी है या वर्तमान सरकारों की कथनी और करनी में फर्क है। ऐसा लगता है कि विकास के लुभावने स्वरूप को कामयाबी माना जाने लगा है, लेकिन इसके बुनियादी पहलुओं को केंद्र में…
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की विदाई का कारण स्वच्छन्द, भ्रष्ट एवं अनैतिक राजनीति बना। समूची दुनिया के शासनकर्त्ताओं को एक सन्देश है बोरिस की इस बेकद्री से बेआबरु होकर विदा होना। किस तरह कांड-दर-कांड का सिलसिला चला और जॉनसन ने 2019 के चुनावों में जो राजनीतिक प्रतिष्ठा अर्जित की थी, वह धीरे-धीरे राजनीतिक अहंकार एवं अनैतिक कृत्यों के कारण गायब होती गई। उन्हें जो व्यापक जनादेश मिला था, उसका फायदा वह नहीं उठा पाए, क्योंकि जो अनुशासन, चरित्र की प्रतिष्ठा, संयम एवं मूल्यों का सृजन उनके प्रशासन में होना चाहिए था, वह कमोबेश नदारद रहा। जिस तेजतर्रार तेवर के…
महाराष्ट्र के महामंथन के बाद जो अमृत और जहर निकल कर सामने आये हैं, उसने भारत की आर्थिकराजनीति पर नियंत्रण करने की भाजपा की कशमकश को उजागर कर दिया है। इतना ही नहीं सैकड़ों वर्ष पुरानीहिंदू पदपाद शाही और पेशवाई के द्वंद भी सामने ला दिए हैं । इस महाभारत में अमृत मंथन के जो परिणामसामने आए हैं वे ना केवल चौंकाने वाले हैं बल्कि राजनैतिक विवशता की पराकाष्ठा को व्यक्त करते हैं। सभीजानते हैं कि देवेन्द्र फडनवीस 5 साल तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं और वे स्वयं ही शिवसेना के विद्रोही नेताएकनाथ शिंदे को उप-मुख्यमंत्री बनाने के ऑफर दे…
भारतीय इतिहास में ऐसे अनेक चैतन्य महापुरुषों ने देश की माटी को प्रणम्य बनाने एवं कालखंड को अमरता प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन्हीं कीर्तिवान महान पुरुषों में भारत केसरी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम सश्रद्धा एवं गर्व से लिया जाता है। भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 में कलकत्ता में हुआ था। वे बैरिस्टर और शिक्षाविद थे तो कुशल समाज-राष्ट्र निर्माता भी थे। उन्होंने पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में उद्योग और आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्य किया। हालांकि, नेहरू-लियाकत समझौते के विरोध में मुखर्जी ने नेहरू मंत्रिमंडल…
स्वामी विवेकानन्द की कीर्ति युग-युगांे तक जीवंत रहेगी, क्योंकि उनका मानवहितकारी चिन्तन एवं कर्म कालजयी हैं, वे एक प्रकाश-स्तंभ हैं, भारतीय संस्कृति एवं भारतीयता के प्रखर प्रवक्ता, युगीन समस्याओं के समाधायक, अध्यात्म और विज्ञान के समन्वयक एवं आध्यात्मिक सोच के साथ पूरी दुनिया को वेदों और शास्त्रों का ज्ञान देने वाले एक महामनीषी युगपुरुष थे। जिन्होंने 4 जुलाई 1902 को महासमाधि धारण कर प्राण त्याग दिए थे। सचमुच! वह कर्मवीर कर्म करते-करते कृतकाम हो गया। उन्होंने अपना संकल्प पूरा किया, भारत को अध्यात्म के साथ विज्ञानमय बनाया, वे अध्यात्म एवं विज्ञान के समन्वयक थे। उन्होंने क्या किया, कैसे किया, क्यों…
भारत का सड़क यातायात तमाम विकास की उपलब्धियों एवं प्रयत्नों के असुरक्षित एवं जानलेवा बना हुआ है, सुविधा की खूनी एवं हादसे की सड़कें नित-नयी त्रासदियों की गवाह बन रही है। दुनिया की जानी-मानी पत्रिका ‘द लांसेट’ में इस मसले पर केंद्रित एक अध्ययन में बताया गया है कि भारत में सड़क सुरक्षा के उपायों में सुधार लाकर हर साल तीस हजार से ज्यादा लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है। अध्ययन के मुताबिक, खुनी सड़कों एवं त्रासद दुर्घटनाओं के मुख्य कारण हैं- वाहनों की बेलगाम या तेज रफ्तार, शराब पीकर गाड़ी चलाना, हेलमेट नहीं पहनना और सीट बेल्ट का…