Author: Lok Shakti

हर साल 24 सितंबर को विश्व सफाई दिवस होता है, इस दिवस का उद्देश्य सफाई कार्यों में भाग लेने के लिए समाज के सभी क्षेत्रों को प्रोत्साहित एवं प्रेेरित करके कुप्रबंधित अपशिष्ट संकट के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। व्यक्तियों, सरकारों, निगमों और संगठनों को सफाई में भाग लेने और कुप्रबंधित कचरे से निपटने के लिए समाधान खोजने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। अस्वच्छता एवं गंदगी दुनिया की बड़ी समस्या है। घर या अपने आसपास संक्रमण फैलने से बचाने और गंदगी के पूर्ण निपटान के लिये हमें ध्यान रखना चाहिये कि कूड़ा केवल कूड़ेदान में ही डालें। साफ-सफाई केवल…

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कॉमेडी की दुनिया के सबसे चर्चित कॉमेडियन्स में से एक राजू श्रीवास्तव 21 सितंबर 2022 को 41 दिन से चल रही जीवन और मृत्यु के बीच की जंग हार गए। आज सुबह कॉमेडियन का दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में निधन हो गया। स्टैंड अप कॉमेडी के जरिए सबको हंसाने वाले राजू श्रीवास्तव के निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। सभी जगह गम का मौहाल हैं, वे एक अच्छे कॉमेडियन होने के साथ साथ बहुत अच्छे इंसान भी थे। उन्होंने अपनी प्रतिभा एवं मेहनत से बहुत नाम कमाया। उनका एक विशिष्ट अंदाज था, उन्होंने…

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पंजाब के मोहाली में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में कथित अश्लील वीडियो लीक मामले ने समूचे राष्ट्र को हिला कर रख दिया। कई छात्राओं का आपत्तिजनक वीडियो बनाने और उसे अन्य लोगों को भेजने की जो यह शर्मनाक एवं चिन्ताजनक घटना सामने आई है, वह कई स्तर पर दुखी और हैरान करने के साथ-साथ ऊच्च शिक्षण संस्थानों की अराजक एवं असुरक्षित होती स्थितियांे का खुलासा करती है। यह खौफनाक हरकत पीड़ित लड़कियों के सम्मान और उनकी जिंदगी से भी खिलवाड़ है। इन शिक्षा के मन्दिरों में संस्कार, ज्ञान एवं आदर्शों की जगह आज की युवा पीढ़ी का मस्तिष्क किस हद तक प्रदूषित…

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विश्व शांति दिवस अथवा अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस प्रत्येक वर्ष 21 सितम्बर को मनाया जाता है। यह दिवस सभी देशों और लोगों के बीच स्वतंत्रता, शांति, अहिंसा और खुशी का एक आदर्श माना जाता है। यह दिवस मुख्य रूप से पूरी पृथ्वी पर शांति और अहिंसा स्थापित करने के लिए मनाया जाता है। पहला शांति दिवस कई देशों द्वारा राजनीतिक दलों, सैन्य समूहों और लोगों की मदद से 1982 में मनाया गया था। इस साल 40वां अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस 21 सितंबर 2022 को बुधवार के दिन मनाया जा रहा है, जिसकी थीम ‘जातिवाद खत्म करें, शांति का निर्माण करें‘ है। शांति…

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भारत की माटी में पदयात्राओं का अनूठा इतिहास रहा है। असत्य पर सत्य की विजय हेतु मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम द्वारा की हुई लंका की ऐतिहासिक यात्रा हो अथवा एक मुट्ठी भर नमक से पूरा ब्रिटिश साम्राज्य हिला देने वाला 1930 का डाण्डी कूच, बाबा आमटे की भारत जोड़ो यात्रा हो अथवा राष्ट्रीय अखण्डता, साम्प्रदायिक सद्भाव और अन्तर्राष्ट्रीय भ्रातृत्व भाव से समर्पित एकता यात्रा, यात्रा के महत्व को अस्वीकार नहीं किया जा सकता। भारतीय जीवन में पैदल यात्रा को जन-सम्पर्क का सशक्त माध्यम स्वीकारा गया है। ये पैदल यात्राएं सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक यथार्थ से सीधा साक्षात्कार करती हैं। लोक चेतना…

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गुजरात के दिसम्बर-2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव प्रचार में आम आदमी पार्टी ने ‘रेवड़ी कल्चर’ का सहारा लिया तो राजनीतिक हलकों में यह विषय एक बार फिर चर्चा में आ गया। इन दिनों उच्चतम न्यायालय से लेकर राजनीति क्षेत्रों में ‘रेवड़ी कल्चर’ को लेकर व्यापक चर्चा आम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुक्त की संस्कृति पर तीखे प्रहार करते रहे हैं। मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्त उपहार बांटने का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है, खासकर तब जब चुनाव नजदीक हों। ‘फ्रीबीज’ या मुफ्त उपहार न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में वोट बटोरने का हथियार हैं। यह एक…

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एक बार फिर दुनिया का बेशकीमती हीरा कोहिनूर जिसे बहुतेरे सामंतक मणी भीकहते हैं, जबरदस्त सुर्खियों में है। शायद यह अकेला ऐसा हीरा है जिसकी अब तक सबसेज्यादा सुर्खियाँ दिखीं। अभी कोहिनूर ब्रिटेन की हाल ही में परलोक सिधारी महारानीएलिजाबेथ द्वितीय की मौत के बाद फिर चर्चाओं में है। कोहिनूर उनके ताज में सुशोभित हैऔर क्रिस्टल पैलेस में प्रदर्शिनी के लिए रखा हुआ है। इसकी कीमत सुनकर भी सिवायआश्चर्य के कुछ नहीं होता। अभी अनुमानतः कोहिनूर की कीमत डेढ़ लाख करोड़ रुपये है।हकीकत यह है कि न तो आज तक कभी बेचा गया सो खरीदे जाने का सवाल ही नहींउठता।…

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विश्व भाषा बनने की ओर हिन्दी के बढ़ते कदम भारत के लिये एक बड़ी उपलब्धि है। हिन्दी  विश्व भाषा बनने की समस्त अर्हताएं एवं विशेषताएं स्वयं में समाये हुए है। हिन्दी स्वयं में अपने भीतर एक अन्तर्राष्ट्रीय जगत छिपाये हुए हैं। आर्य, द्रविड, आदिवासी, स्पेनी, पुर्तगाली, जर्मन, फ्रेंच, अंग्रेजी, अरबी, फारसी, चीनी, जापानी, सारे संसार की भाषाओं के शब्द इसकी विश्वमैत्री एवं वसुधैव कुटुम्बकम वाली प्रवृत्ति को उजागर करते हैं। विश्व में हिंदी भाषी करीब 70 करोड़ लोग हैं। यह तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इस समृद्ध एवं वैश्विक गरिमा वाली भाषा का हिन्दी दिवस  प्रत्येक 14 सितबंर…

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जब-जब मानवता विनाश की ओर बढ़ती चली जाती है, नैतिक मूल्य अपनी पहचान खोते जाते हैं, समाज में पारस्परिक संघर्ष की स्थितियां बनती हैं, समस्याओं से मानव मन कराह उठता है, तब-तब कोई न कोई महापुरुष अपने दिव्य कर्तव्य, मानवतावादी सोच, चिन्मयी पुरुषार्थ और तेजोमय शौर्य से मानव-मानव की चेतना को झंकृत कर जन-जागरण का कार्य करता है। समय-समय पर ऐसे अनेक महापुरुषों ने अपने क्रांत चिंतन के द्वारा समाज का समुचित पथदर्शन किया। महापुरुषों की इसी महिमामंडित शृंखला का एक गौरवपूर्ण नाम है आचार्य विनोबा भावे। वे हमारे लिये एक प्रकाश स्तंभ हैं, जिनकी जन्म जयन्ती 11 सितम्बर को…

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