Author: Lok Shakti

आजादी के अमृत महोत्सव मना चुके मुल्क में, एक शोषणविहीन समाज में, एक समतावादी दृष्टिकोण में और एक कल्याणकारी समाजवादी व्यवस्था में आबादी के एक बड़े हिस्से का भूखे रहना या भूखें ही सो जाना शर्म का विषय होना चाहिए।  इस तरह की स्थितियों का होना राष्ट्र के कर्णधारों के लिये शर्म का विषय होना चाहिए। जो रोटी नहीं दे सके वह सरकार कैसी? जो गरीबी पर वोट की राजनीति करें, वह शासन-व्यवस्था कैसी? शर्म का विषय तो बेरोजगार को रोजगार न देना भी होना चाहिए। लेकिन हमारी पूर्व सरकारों ने गरीबी, भूख एवं बेरोजगारी को केवल सत्ता हासिल करने…

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नया भारत एवं सशक्त भारत को निर्मित करने के संकल्प के साथ नए वर्ष का स्वागत करें। हम इस सोच और संकल्प के साथ नये वर्ष में प्रवेश करें कि हमें कुछ नया करना है, नया बनना है, नये पदचिह्न स्थापित करने हैं। बीते वर्ष की कमियों पर नजर रखते हुए उन्हें दोहराने की भूल न करने का संकल्प लेना है। दूसरे के अस्तित्त्व को स्वीकारना, सबके साथ रहने की योग्यता एवं दूसरे के विचार सुनना- यही शांतिप्रिय एवं सभ्य समाज रचना का आधारसूत्र है और इसी आधारसूत्र को नयेवर्ष का संकल्पसूत्र बनाना होगा। आज सब अपनी समझ को अंतिम…

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चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, अमेरिका सहित कई देशों में कोरोना के नये वेरिएंट के मामलों और उससे हुई मौतों के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। भारत में भी चीन में तबाही लाने वाले एवं भयंकर तबाही की आहट देने वाले बेरिएंट बीएफ. 7 के 4 नये मामले मिले हैं, जो गहरी चिन्ता बढ़ा रहे हैं। सरकार सर्तक हो गयी है, आम जनता को भी सावधान रहना होगा। मास्क पहनने एवं बूस्टर डोज लगवाने के अभियान को गति देनी होगी। सार्वजनिक भीड़ को कम करना होगा, सभाओं, त्यौहारों, राजनीतिक आयोजनों पर नियंत्रण करना होगा, स्कूलों को भी…

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भारत दुुनिया की एक उभरती हुई सशक्त आर्थिक व्यवस्था है, विकास के नये आयाम उद्घाटित करते हुए भारत ने दुनिया को चौंकाया है, अचंभित किया है। भारत की विकास अवधारणा न केवल आर्थिक संवृद्धि से जुड़ी है, अपितु यह एक सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक प्रक्रिया है जो लोगों को जीवन की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए अभिप्रेरित करती है और विकास प्रक्रिया में उन्हें सहभागी बनाती है। यह विकास अंततः आत्मनिर्भरता, समानता, न्याय एवं संसाधनों का एकसमान वितरण को बल देती है जो राष्ट्रीयता एवं लोकतंत्र की मजबूती का भी आधार है। भारत के वर्तमान विकास को लेकर राष्ट्रीय…

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अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस हर साल 20 दिसंबर को मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच मानवीय एकता के महत्व को बताने के लिए, गरीबी पर अंकुश लगाना और विकासशील देशों में मानव और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना है। संयुक्त राष्ट्र ने 22 दिसंबर 2005 को यह दिवस मनाने की घोषणा की थी। इस दिवस को विश्व एकजुटता कोष और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा बढ़ावा दिया जाता है, जो दुनियाभर में गरीबी उन्मूलन के लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने पर केंद्रित हैं। इस दिवस को मनाते हुए हर व्यक्ति शिक्षा में योगदान देकर, गरीबों या…

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने एवं तरह-तरह के कानूनों के प्रावधानों के बावजूद आजादी का अमृत महोत्सव मना चुके राष्ट्र के शिक्षा के मन्दिर बच्चों पर हिंसा करने, पिटने, सजा देने के अखाडे़ बने हुए है, शिक्षक अपनी मानसिक दुर्बलता एवं कुंठा की वजह से बच्चों के प्रति बर्बरता की हदें लांघ रहे हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार शिक्षा में अभिनव क्रांति करने का ढ़िढोरा पीट रही है, लेकिन अपने शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं पर सवार हिंसा की मानसिकता को दूर करने का कोई सार्थक उपक्रम नहीं कर पायी है। यही कारण है कि दिल्ली में एक प्राथमिक विद्यालय की…

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भगवान श्रीकृष्ण भक्ति में सराबोर भक्तों की लम्बी शृंखला में नरसी मेहता का नाम सर्वोपरि है। उनकी निश्छल और चरम भक्ति इतनी प्रभावी रही है कि श्रीकृष्ण से सीधे सम्पर्क में रहे, उनका उनके साथ सीधा संवाद होता था। उनके भक्ति रस से आप्लावित भजन आज भी जनमानस को ढांढस बंधाते हैं, धर्म का पाठ पढ़ाते हैं और जीवन को पवित्र बनाने की प्रेरणा देते हैं। उनके भजनों में जीवंत सत्यों का दर्शन होता है। जिस प्रकार किसी फूल की महक को शब्दों में बयां करना कठिन है, उसी प्रकार गुजराती के इस शिखर संतकवि और श्रीकृृष्ण-भक्त का वर्णन करना…

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जैन धर्म के तेईसवें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का जन्मोत्सव 18 दिसम्बर 2022 को मनाया जायेगा। तीर्थंकर पार्श्वनाथ का जन्म आज से लगभग 3 हजार वर्ष पूर्व वाराणसी में हुआ था। वाराणसी में अश्वसेन नाम के इक्ष्वाकुवंशीय राजा थे। उनकी रानी वामा ने पौष कृष्ण एकादशी के दिन महातेजस्वी पुत्र को जन्म दिया, जिसके शरीर पर सर्पचिह्न था। वामा देवी ने गर्भकाल में एक बार स्वप्न में एक सर्प देखा था, इसलिए पुत्र का नाम ‘पार्श्व’ रखा गया। राजा अश्वसेन वाराणसी के राजा थे। जैन पुराणों के अनुसार तीर्थंकर बनने के लिए पार्श्वनाथ को पूरे नौ जन्म लेने पड़े थे। पूर्व…

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14 दिसंबर, 2022: श्री। अरबिंदो का आदर में शहीद स्मारक सिक्का और पद टिकट चल रहे अमृत ​​महोत्सव के तत्वावधान में श्री अरबिंदो की 150 वीं जयंती के अवसर पर, पीएम मोदी ने उनके सम्मान में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया और कहा, उनका जीवन ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का प्रतिबिंब है।पीएम मोदी ने कहा कि जब प्रेरणा और कर्म एक साथ आ जाते हैं तो असंभव लगने वाला लक्ष्य भी पूरा हो जाता है. आज देश की सफलताएं और इस अमर काल में सभी का पुरुषार्थ करने का संकल्प इसका प्रमाण है। उन्होंने कहा कि श्री…

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14 दिसंबर, 2022: श्री अरबिंदो के सम्मान में स्मारक सिक्स और डाक टिकट जारी स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के तत्वावधान में श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती के अवसर पर उनके सम्मान में स्मारक सिक्क और डाक टिकट जारी कर बोले पीएम मोदी, उनका जीवन ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का प्रतिबिंब।पीएम मोदी ने कहा कि जब प्रेरणा और कार्य एक साथ मिल जाते हैं, तो असंभव प्रतीत होने वाला लक्ष्य भी बेशकम्भावी रूप से पूर्ण हो जाता है। आज अमृत काल में देश की सफलताएं और सबका प्रयास का संकल्प इसका प्रमाण है। उन्होंने कहा कि श्री अरबिंदो का जीवन ‘एक…

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