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Author: Lok Shakti
फ्रेडरिक मैक्स मुलर (जर्मन: 6 दिसंबर 1823 – 28 अक्टूबर 1900) जर्मनी में जन्मे भाषाविद् और प्राच्यविद् थे, जो अपने जीवन के अधिकांश समय ब्रिटेन में रहे और अध्ययन किया। वह भारतीय अध्ययन और धार्मिक अध्ययन के पश्चिमी शैक्षणिक विषयों (‘धर्म का विज्ञान’, जर्मन: रिलिजनस्विसेन्सचाफ्ट) के संस्थापकों में से एक थे। मुलर ने इंडोलॉजी विषय पर विद्वत्तापूर्ण और लोकप्रिय दोनों प्रकार की रचनाएँ लिखीं। अपने साठ और सत्तर के दशक में, मुलर ने कई व्याख्यान दिए, जो हिंदू धर्म और भारत के प्राचीन साहित्य के पक्ष में एक अधिक सूक्ष्म दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। उनका “भारत हमें क्या सिखा सकता…
फ्रेडरिक मैक्स मुलर (जर्मन: 6 दिसंबर 1823 – 28 अक्टूबर 1900) एक जर्मन मूल की भाषाविद और ओरिएंटलिस्ट थे, जो अपने अधिकांश जीवन के लिए ब्रिटेन में रहे और अध्ययन किया। वह भारतीय अध्ययन और धार्मिक अध्ययन के पश्चिमी विषयों के संस्थापकों में से एक थे। मुलर ने इंडोलॉजी विषय पर विद्वतापूर्ण और लोकप्रिय दोनों तरह की रचनाएँ लिखीं। अपने साठ और सत्तर के दशक में, मुलर ने प्रश्नों की एक श्रृंखला दी, जिसमें हिंदू धर्म और भारत के प्राचीन साहित्य के पक्ष में एक अधिक सूक्ष्म दृष्टिकोण परिलक्षित हुआ। उनके “भारत हमें क्या सिखा सकते हैं?” कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में…
अमेरिका और तत्कालीन यूएसएसआर के विपरीत भारत एक संप्रभु राष्ट्र है। यह कुछ लोगों और उनके दिग्भ्रमित नेताओं की गलत धारणा है कि, “भारत एक राष्ट्र नहीं बल्कि राज्यों का एक संघ है”। ऐसे नेताओं को समझना चाहिए कि भारत एक प्राचीन राष्ट्र है। यहां हजारों साल से सांस्कृतिक निरंतरता है। यह प्राचीन संस्कृति है जो सभी को जोड़ती है।भारत की ‘एकता-अखंडता’ की विशेषता के मूल में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है।1904 में मोहम्मद इकबाल ने हिंद का तराना लिखा,*’ग्रीस मिस्र रोम सब गायब कहाँ से,लेकिन अब तक बाकी नाम और निशान हमारे हैं।कुछ तो बात है कि हमारी शख्सियत मिटती नहीं,हमारे…
अमेरिका और पहले के USSR से विशेष भारत संप्रभु राष्ट्र है। कुछ लोग और उनके दिशा निर्देशन की यह गलत धारणा है कि, “भारत एक राष्ट्र नहीं है, बल्कि राज्यों का एक संघ है।” ऐसे नेताओं को खोजा जाता है कि भारत प्राचीन राष्ट्र है। यहां हजारों वर्षों से सांस्कृतिक विकल्प हैं। क्लोजिंग जोडेऩे वाले प्राचीन संस्कृति है। भारत की *एकता-अखंडता’ की विशेषताएं जड़ में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है। 1904 में मोहम्मद इकबाल ने हिंद का तराना लिखा, *’यूनन मिस्त्रा रोम सब मिट गए जहां से, अब तक मगर है, बाकी नामो-निशां हमारा। कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी,…
दुष्यंत के भरत की दहाड़ हस्तिनापुर जब हम इसके बारे में बात करते हैं, तो हमें अक्सर भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दी गई सलाह याद आती है।भगवान श्रीमान कृष्णा अर्जुन कहते हैं:यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भरत, अभ्युथानम अधर्मस्य तदत्मनम सृजाम्यहम।परित्राणाय भिक्षुनाम विनशाय चः दुषकृतम, धर्मं स्थापनार्थाय संभावामी युगे युगे।हे भारत! जब-जब धर्म की हानि होती है और अधर्म का उदय होता है, तब-तब ही मैं अपना स्वरूप निर्मित करता हूँ, अर्थात् मैं वास्तविक रूप में लोगों के सामने प्रकट होता हूँ।परित्राणाय सधूनां विनशाय च दुष्कृतम धधधर्मसंस्थापनथार्य संभवामि युगे युगे।संतों का उद्धार करने के लिए, दुष्टों का विनाश करने…
दुष्यंत के भारत की गर्जना: दुष्यंत के भरत की दहाड़ हस्तिनापुर की चर्चा होती है तो सहसा हमें अर्जुन को दिया गया कृष्ण भगवान का उपदेश का स्मरण होता हैभगवान श्री कृष्ण अर्जुन को कहते हैं:यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत, अभ्युथानम् अधर्मस्य तदात्मानं श्रीजाम्यहम् ।परित्राणाय भिक्षुनाम विनाशाय च: दुष्कृताम, धर्मं संस्थापनार्थाय सम्भावामी युगे युगे ।।हे भारत ! जब-जब धर्म की हानि और अधर्म का विकास होता है, तब-तब मैं अपने रूप का निर्माण करता हूं अर्थात साकार रूप से लोगों के रूप में प्रकट होता हूं।परित्राणाय साधुं विनाशाय च दुष्कृतम् ढ्ढधर्मसंस्थापनाथार्य संभवामि युगे युगे।साधुजनों का लेखा-जोखा करने के लिए,…
किसी भी राष्ट्र के जीवन में चुनाव सबसे महत्त्वपूर्ण घटना होती है। यह एक यज्ञ होता है। लोकतंत्र प्रणाली का सबसे मजबूत पैर होता है। राष्ट्र के प्रत्येक वयस्क के संविधान प्रदत्त पवित्र मताधिकार प्रयोग का एक दिन। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुनावों में अधिकतम यानी शत-प्रतिशत मताधिकार का प्रयोग हो, इसके लिये देश में चुनाव प्रक्रिया में एक और क्रांतिकारी कदम की दिशा में अग्रसर होते हुए एक नये अध्याय की शुरुआत होने जा रही है, जिसके अन्तर्गत रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरईवीएम) का मॉडल विकसित कर चुनाव आयोग ने महत्त्वपूर्ण पहल की है। चुनावों के दौरान…
दुनिया एक बार फिर कोरोना की दहशत है। बीते अनुभवों के चलते भारतमें चिन्ता से ज्यादा बात हो रही है जो ठीक है। हमेशा की तरह अब नएवैरिएण्ट बीएफ.7 की तबाही का मंजर डरा रहा है। सबसे ज्यादा डर चीन से आरही हकीकत भरी तस्वीरों और वीडियो ने मचाया हुआ है। चीन की विफल जीरोकोविड पॉलिसी से सारी दुनिया में एक बार फिर उसके प्रति नफरत और गुस्साहै। अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए हल्के-फुल्के, बेअसर और सस्ते उत्पादों कोबनाकर इंसानियत को भी नहीं बख्शने वाले चीन ने जिस तेजी से पहले 6वैक्सीनें बनाकर पहले तो खूब वाहवाही लूटी बाद…
जल प्रदूषण एवं पीने के स्वच्छ जल की निरन्तर घटती मात्रा को लेकर बड़े खतरे खड़े हैं। धरती पर जीवन के लिये जल सबसे जरूरी वस्तु है, जल है तो जीवन है। जल ही किसी भी प्रकार के जीवन और उसके अस्तित्व को संभव बनाता है। जीव मंडल में पारिस्थितिकी संतुलन को यह बनाये रखता है। पीने, नहाने, ऊर्जा उत्पादन, फसलों की सिंचाई, सीवेज के निपटान, उत्पादन प्रक्रिया आदि बहुत उद्देश्यों को पूरा करने के लिये स्वच्छ जल बहुत जरूरी है। जल-संकट के प्रति सचेेत करते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर-संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने जल का भंडारण…
महज 20 वर्ष की उम्र में मशहूर टीवी एक्ट्रेस तनीषा शर्मा ने अपने सीरियल की शूटिंग के सेट पर फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। इसी तरह पिछले कुछ सालों में बालीवुड या टेलीविजन में अभिनय की दुनिया में अपनी अच्छी पहचान बनाने वाले सुशांत सिंह राजपूत, वैशाली ठक्कर, आसिफ बसरा और कुशल पंजाबी से लेकर परीक्षा मेहता जैसे अनेक कलाकारों ने आत्महत्या की। प्रश्न है कि इन स्थापित कलाकारों ने आत्महत्या क्यों की? आखिर मनोरंजन की दुनिया में अचानक आत्महत्या कर लेने की घटनाएं क्यों बढ़ रही है? निश्चित रूप से खुदकुशी सबसे तकलीफदेह हालात के सामने हार जाने…