Author: Lok Shakti

सड़क एवं राजमार्ग परिवहन मंत्रालय द्वारा सड़क सुरक्षा सप्ताह को प्रतिवर्ष 11 जनवरी से 17 जनवरी तक मनाया जाता है, जिसके माध्यम से नागरिकों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक किया जाता है। भारत का सड़क यातायात तमाम विकास की उपलब्धियों एवं प्रयत्नों के बावजूद असुरक्षित एवं जानलेवा बना हुआ है, सुविधा की खूनी एवं हादसे की सड़कें नित-नयी त्रासदियों की गवाह बन रही है। भारत में सड़क दुर्घटनाएं मौतों और चोटों के प्रमुख कारणों में से एक रही हैं। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत की जीडीपी का करीब तीन…

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पीएम मोदी नेहरू शेख अब्दुल्ला द्वारा पैदा किए गए कश्मीर मुद्दे को खत्म कर रहे हैं 2014 में सत्ता में आने के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने कश्मीर और पूर्वोत्तर के मिशन को धार दी है, इसके पीछे पीएम मोदी का विजन तो है ही साथ ही सरदार वल्लभ भाई पटेल के सिद्धांतों की प्रेरणा भी है. मोदी सरकार के इन कदमों से न सिर्फ जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कमी आई है और पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है, बल्कि आठ हजार से ज्यादा उग्रवादियों ने हथियार डालकर शांति की राह पकड़ ली है. और पूर्वोत्तर…

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विश्व योग दिवस, विश्व अहिंसा दिवस आदि भारतीय अस्मिता एवं अस्तित्व से जुड़े विश्व दिवसों की शृंखला में विश्व हिन्दी दिवस प्रति वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अन्तरराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। विश्व हिंदी दिवस पहली बार 10 जनवरी, 2006 को मनाया गया था। आज हिन्दी विश्व की सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली तीसरी भाषा है, विश्व में हिन्दी की प्रतिष्ठा एवं प्रयोग दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है, लेकिन देश में उसकी उपेक्षा एक बड़ा प्रश्न है। सच्चाई तो यह…

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पीएम मोदी नेहरू शेख अब्दुल्ला द्वारा पैदा किए गए कश्मीर मुद्दे को खत्म कर रहे हैं 2014 में सत्ता में आने के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने कश्मीर और पूर्वोत्तर के मिशन को धार दी है, इसके पीछे पीएम मोदी का विजन तो है ही साथ ही सरदार वल्लभ भाई पटेल के सिद्धांतों की प्रेरणा भी है. मोदी सरकार के इन कदमों से न सिर्फ जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कमी आई है और पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है, बल्कि आठ हजार से ज्यादा उग्रवादियों ने हथियार डालकर शांति की राह पकड़ ली है. और पूर्वोत्तर…

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नेहरू अब्दुल्ला शेख का जन्म जल्द ही कश्मीर में कर रहे हैं प्रधान मंत्री मोदी केंद्र की मोदी ने सरकार 2014 में सत्ता में आने के बाद इस मिशन कश्मीर और भूत को धार दी, उसके पीछे पीएम मोदी की दृष्टि के साथ ही सरदार वल्लभभाई पटेल के सिद्धांतों की प्रेरणा भी है। मोदी सरकार के इन कदमों से न सिर्फ जम्मू-कश्मीर में पहचान में कमी और शर्मनाक संख्या में रिकार्ड तेजी आई है, बल्कि भूत में आठ हजार से अधिक उग्रवादियों ने हथियार शांति और अमन की राह पकड़ी है।कश्मीर से दस्तावेज़ 370 की चिता से सरदार वल्लभ भाई…

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नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति की उपयोगिता एवं प्रासंगिकता धीरे-धीरे सामने आने लगी है एवं उसके उद्देश्यों की परते खुलने लगी है। आखिरकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति की शुरुआत करतेे हुए अगस्त तक डिजिटल यूनिवर्सिटी के शुरू होने और विदेशों के ऑक्सफोर्ड, कैंब्रिज और येल जैसे उच्च स्तरीय लगभग पांच सौ श्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थानों के भारत में कैंपस खुलने शुरु हो जायेंगे। अब भारत के छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा स्वदेश में ही मिलेगी और यह कम खर्चीली एवं सुविधाजनक होगी। इसका एक लाभ होगा कि कुछ सालों में भारतीय शिक्षा एवं उसके उच्च…

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ओम हिंदुत्वएक ब्रिटिश पत्रकार द्वारा बीबीसी का दुर्लभ फुटेज जिसने “स्वातंत्र्य वीर सावरकर” को फिल्माया था। सेलुलर जेल में।उनका अपमान करने वाले सभी लोग भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का अपमान करने और स्वतंत्र भारत का नेतृत्व करने वाले क्रांतिकारियों को कमजोर करने का इरादा रखते हैं। pic.twitter.com/wHcko9Hikh- समीत ठक्कर (@thakkar_sameet) 20 नवंबर, 2022

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ॐ हिंदुत्वबीबीसी के एक ब्रिटिश पत्रकार द्वारा फिल्माया गया दुर्लभ फुटेज "स्वातंत्र्य वीर सावरकर।" सेलुलर जेल में।उनका अपमान करने वाले सभी लोग भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का अपमान करने और स्वतंत्र भारत का नेतृत्व करने वाले क्रांतिकारियों को कमजोर करने का इरादा रखते हैं। pic.twitter.com/wHcko9Hikh- समीत ठक्कर (@thakkar_sameet) 20 नवंबर, 2022 पोस्ट 1963 की फिल्म से क्लिप-अंडमान जेल में सावरकर…? 1963 की फिल्म का क्लिप अंडमान जेल में सावरकर के ‘मूल’ फुटेज के रूप में वायरल सबसे पहले सामने आया सांस्कृतिक राष्ट्रवाद.

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प्राचीन काल में जब लिखने के लिए कागज का आविष्कार नहीं हुआ था, तब भोजपत्र, हस्तपत्र, ताम्र पत्र पर लिखकर वेदों और पुराणों की रचना विशेष रूप से की गई थी। मंदिरों की दीवारों पर प्राचीन शिलालेख भी पाए जाते हैं। भोजपत्र एक ऐसा दुर्लभ कागज है जो हिमालय की तलहटी के घने जंगलों से प्राप्त हुआ था। आध्यात्मिक नगरी देवघर की नर्सरी में दुर्लभ भोजपत्र का पौधा लगाकर अब प्राचीन भारत की समृद्ध विरासत को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है।भोजपत्र का पौधा हिमाचल से लाकर यहां लगाया गया है। इस पौधे की विशेषता यह है कि…

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पुरातनकाल में जब लिखने के लिए कागज का आविष्कार नहीं हुआ था, तब वेदों और पुराणों की रचना विषेशकर भोज, ताड़ पत्र, तामरा पत्र पर लिख दी गई थी। मंदिरों के ढाँचे पर भी प्राचीन शिलाएँ पाई जाती हैं। भोजपत्र का एक ऐसा दुर्लभ पत्र है जो हिमालय की तराई के घने जंगलों से प्राप्त किया गया था। आध्यात्मिक नगरी देवघर के एक नर्सरी में भोजपत्र का दुर्लभ पेड़ प्राचीन भारत की समृद्ध विरासत को फिर से जीवित करने का प्रयास अब कर रहा है।भोज के पत्र को हिमाचल से लाकर यहां दिया गया है। इस संयंत्र की विशेषता यह…

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