Author: Lok Shakti

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स्वामी दयानन्द सरस्वती ऐसे दिव्य महापुरुष हैं, जिन्होंने समाज-सुधार एवं आडम्बर मुक्ति का आलोक ही नहीं फैलाया बल्कि राष्ट्र-निर्माण में अपूर्व योगदान दिया। उनकी कीर्ति किसी एक युग तक सीमित नहीं है। उनका लोकहितकारी चिन्तन त्रैकालिक, सार्वभैमिक एवं सार्वदेशिक है और युग-युगों तक समाज का पथदर्शन करता रहेगा। स्वामी दयानंद सरस्वती प्रकाश स्तंभ है। जिस युग में उन्होंने जन्म लिया उस समय देशी-विदेशी प्रभाव से भारतीय संस्कृति संक्रमण के दौर से गुजर रही थी और उसका पतन आरंभ हो गया था। उन्होंने भयाक्रांत, आडम्बरों में जकड़ी और धर्म से विमुख जनता को अपनी आध्यात्मिक शक्ति और सांस्कृतिक एकता से संबल…

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उनकी सरकार की नजर अमृतकाल पर है, उन्होंने ‘नए भारत’ ‘सशक्त भारत’ की नींव रखी है, जो अपनी स्वाधीनता के सौवें वर्ष 2047 में साकार होगा। हालही में प्रस्तुत बजट ‘अमृत काल’ को सबसे अच्छे ढंग से रेखांकित करता है। सरकार की रणनीतियां एवं योजनाएं भी उसी को केन्द्र में रखकर बन रही है। लेकिन बड़ी विडम्बना है कि समूचा विपक्ष अमृतकाल को धूंधला में लगा है। अमृत काल को अमृतमय बनाने में विपक्ष की जिम्मेदारपूर्ण भूमिका की अपेक्षा की जा रही है, लेकिन ऐसा होने वाला नहीं दिख रहा है, क्योंकि उसने अपनी दिशाहीनता की…

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इनदिनों संसद एवं संसद के बाहर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उनकी सरकार के खिलाफ विवादित बयानों की बाढ़ आयी है, सभी राजनीतिक दल कीचड़ उछाल रहे हैं, गाली-गलौच, अपशब्दों एवं अमर्यादित भाषा का उपयोग कर रहे हैं, जो लोकतंत्र के सर्वोच्च मंच में लोकतांत्रिक मूल्यों पर कुठाराघात है। विशेषतः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता और उनकी जन-कल्याण की योजनाओं से भड़के कांग्रेस के नेता राहुल गांधी एवं विपक्षी दलों के नेता अपनी जुबान संभाल नहीं पा रहे। जैसे-जैसे मोदी की साख एवं प्रतिष्ठा बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे उनके प्रति विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की बौखलाहट बढ़ती जा रही…

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नरेन्द्र मोदी शासन के जिम्मेदारी भरे बजट-2023 ने समावेशी आर्थिक समृद्धि और वैश्विक महत्वाकांक्षा के साथ उस ‘नए भारत’ की नींव रखी है, जो अपनी स्वाधीनता के सौवें वर्ष में साकार होगा। यह बजट ‘अमृत काल’ को सबसे अच्छे ढंग से रेखांकित करता है। निश्चित ही सरकार की नजर अमृतकाल पर है। उसी दृष्टि से रणनीतियां एवं योजनाएं बन रही है। पिछले वर्ष भी अमृतकाल बजट चर्चा के केन्द्र में था। भारत का केन्द्रीय बजट एवं मोदी सरकार की नीतियां भी बहुत हद तक साल 2047 को लक्ष्य करके बनायी जा रही है। उस समय तक भारत को दुनिया का…

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बजट सत्र को इस तरह से हंगामेदार तो होना ही था, लेकिन बड़ा प्रश्न है कि देश का सर्वोच्च लोकतांत्रिक मंच कब तक बाधित होता रहेगा, संवाद और विमर्श के लिए उपयुक्त पात्रता कब सामने आयेगी। मानो विपक्षी दलों ने प्रण कर लिया है कि वह किसी भी सत्र को सुगम तरीके से नहीं चलने देगा। उसने न बेहतर सुझाव दिये हैं, न ही बुनियादी मुद्दों को उठाया है और न ही स्वच्छ आलोचनात्मक रूख अपनाकर सरकार का सहयोग किया है। ऐसे में, विपक्ष की भूमिका देश व सरकार के प्रति अपने कर्तव्य और दायित्व के सही निर्वहन की प्रतीत…

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बाल विवाह के खिलाफ असम सरकार ने व्यापक अभियान शुरू करके एक सराहनीय एवं सामाजिक उन्नयन का कार्य किया है। वहां की पुलिस ने ऐसे आठ हजार लोगों को चिह्नित किया है, जिन्होंने कम उम्र में शादी की या कराई। ऐसे विवाह कराने वाले पंडित और मौलवी के खिलाफ भी कदम उठाये जा रहे हैं। वहां की पुलिस ने इस मामले में दो हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार भी किया है। राज्य सरकार का कहना है कि ऐसे विवाहों को अवैध करार दिया जाएगा, निश्चित ही असम सरकार की यह पहल नारी जीवन में एक नया उजाला होगा। नया…

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