आतिशी के पिता विजय सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे और कम्यूनिस्ट विचारधारा से प्रभावित थे। आप पार्टी के नेता दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल अपने आपको एनार्किस्ट कह चुके हैं। उनके इस कथन का कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने तहेदिल से स्वागत किया था।
इसी संदर्भ में सोनिया गांधी का भी उल्लेख करना आवश्यक है। सोनिया गांधी के पिता मुसोलिनी के फॉलोवर थे। इसी कारण उन्हें रूस की जेल में बंद भी कुछ समय के लिये रखा गया था। जेल में बंद रहते समय वे रूसी संस्कृति से इतने प्रभावित हुए थे कि उन्होंने अपने तीनों पुत्री का नाम रूसी संस्कृति के अनुसार ही रखा। इस प्रकार से एंटोनिया मैनो सोनिया बनी और बाद में सोनिया गांधी कहलाने लगी।
इसी परिपेक्ष्य में आज का यह निम्रलिखित समाचार भी है :
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की तरफ से सोमवार को लोकसभा चुनावों के लिए अपने पहला उम्मीदवार घोषित कर दिया है। दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की पूर्व सलाहकार रह चुकी अतिशी मार्लेना को पूर्वी दिल्ली सीट की लोकसभा सीट से 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवार चुना गया है।
आतिशी मार्लेना को जून में इस सीट का प्रभारी बनाया गया था। पूर्वी दिल्ली से वर्तमान में भाजपा के महेश गिरी सांसद हैं। इस सीट से कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को उम्मीदवार बनाती रही है।
लेकिन अब अतिशी मार्लेना इसके अलावा एक और खास कारण से सुर्खियों में बनी हुई हैं। दरअसल अतिशी ने अपने नाम से ‘मार्लेनाÓ हटा दिया है। उनका सेकेंड नेम उनके ट्विटर हैंडल से गायब है, वहीं पार्टी के ऑफिशियल स्टेटमेंट, पोस्टर्स और प्रचार सामग्री से भी मार्लेना गायब दिख रहा है।
दरअसल आतिशी के पिता विजय सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे और कम्यूनिस्ट विचारधारा से प्रभावित थे इसलिए माक्र्स और लेनिन से बनने वाले शब्द ‘मार्लेनाÓ को आतिशी ने स्कूल के समय में अपने नाम के साथ जोड़ा। एक दौर में बहुत से लोगों ने ‘मार्लेनाÓ अपने नाम के साथ इसी तरह जोड़ा था।
लेकिन अब राजनीतिक मजबूरी के चलते आतिशी को अपना उपनाम मजबूरन हटाना पड़ा।
आतिशी ने अपनी स्कूल की पढ़ाई दिल्ली, कॉलेज की पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी से करने के बाद ऑक्सफ़ोर्ड से पढ़ाई की। आम आदमी पार्टी से जुडऩे के बाद 2013 और 2015 के मैनिफेस्टो पर काम किया जिसके बाद शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने उनको अपना सलाहकार बना लिया। माना जाता है दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था सुधारने में आतिशी का अहम रोल है।
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