स्वामी विवेकानंद को प्रमुख रूप से 11 सितंबर 1893 में शिकागो में अपने भाषण की शुरूआत ‘मेरे अमेरिकी भाईयों और बहनों ‘ के साथ करने के लिये जाना जाता है। इसकी चर्चा संपादकीय में हुई है।
रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के रिश्तों को व्यक्त करने संबंधित है। इससे संबंधित दो समाचारों का उल्लेख यहॉ करना उचित रहेगा।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ की पेंटिंग्स बनाने पर पति के हाथों बुरी तरह पीटकर ससुराल से बेदखल नगमा ने अनूठे ढंग से राखी का त्योहार मनाया है। पति के हाथों प्रताडि़त होने के बाद न्याय के लिए भटक रही नगमा ने एक बार फिर मोदी और योगी को पेंटिंग्स बनाकर राखी बांधा है। नगमा का यह भी आरोप है कि उनका पति उन्हें तीन तलाक की धमकी भी देता है।
रक्षाबंधन पर यहां दें अपनों को शुभकामनाएं
एनबीटी को नगमा ने राखी पर बनाई खास पेंटिंग्स भेजकर कहा, ‘मेरे जैसी लाखों मुस्लिम बहनों के हक और हुकूक की हिफाजत मेरे यही दोनों (मोदी और योगी) भाई करेंगे।Ó
बता दें कि जिले के सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के बसारिकपुर गांव की इस मुस्लिम महिला को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर बनाने पर उनके पति और ससुराल के लोगों ने जमकर पीटा था। यही नहीं ससुरालवालों ने पीडि़त महिला को घर से बाहर निकाल दिया था।
पीडि़त की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। नगमा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देशभर में ट्रिपल तलाक की सताई हुई बहनों को न्याय दिलाने के लिए जो बीड़ा उठाया है, उससे हमारी जैसी बहनों को बहुत खुशी है। नगमा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही ट्रिपल तलाक की सताई हुई बहनों को न्याय मिलेगा और उनकी जिंदगी में खुशहाली आएगी। नगमा ने इसके पहले गणतंत्र दिवस पर पीएम मोदी को लालकिला से झंडा फहराते हुए पेंटिग्स बनाकर बधाई भी दी थी।
चार साल पहले शहीद हो गया भाई, मायके आकर बहन हर साल उनकी प्रतिमा को बांधती है राखी
रक्षा बंधन स्पेशल : शांति उइके के भाई राजेंद्र गायकवाड़ 11 मार्च 2014 को नक्सलियों से लड़ते शहीद हो गए थे
दंतेवाड़ा। अक्सर हम जिंदगी के साथ तो बहुत से रिश्ते निभाते हैं, लेकिन मौत के बाद सब पीछे छूट जाता है। पर कभी ऐसा भी होता है, जब भावनाओं के आगे तमाम बंदिशें बेमानी साबित हो जाती हैं। एक ऐसी ही बहन है जो अपने भाई की शहादत के बाद भी पिछले 4 साल से उनकी कलाई पर राखी बांध रही हैं। वह अपनी ससुराल बचेली से 40 किमी दूर टेकनार सिर्फ इसलिए आती हैं कि उनके शहीद भाई की कलाई सूनी न रह जाए।
दरअसल शांति उइके के भाई राजेंद्र गायकवाड़ तोंगपाल थाना क्षेत्र में पदस्थ थे। 11 मार्च 2014 को नक्सलियों से लड़ते हुए वक्त शहीद हो गए। अपने इकलौते छोटे भाई को खोने के बाद बहन शांति आज भी उसे अपने नजदीक ही मानती हैं। टेकनार में स्थापित भाई की प्रतिमा में उसकी कलाई पर हर साल राखी बांध रहीं हैं। वे रक्षाबंधन ही नहीं बल्कि भाई दूज, दीपावली, होली जैसे सभी त्योहार प्रतिमा के साथ आकर मनाती हैं। शहीद भाई के प्रति शांति के ऐसे लगाव को देख सभी के आंखों से आंसू छलक उठते हैं। रक्षाबंधन के एक दिन पूर्व उसने टेकनार में स्थित अपने भाई की प्रतिमा पर राखी बांधी। दोनों भाई दुनिया में नहीं: शांति और राजेंद्र गायकवाड़ दोनों भाई-बहन थे। शांति की मौसी की मौत होने पर उनके इकलौते पुत्र छन्नू कर्मा को भी बचपन से ही शांति की मां ने ही पाला था। शांति ने बताया कि छन्नू उससे बड़े थे। हमने उन्हें कभी अलग नहीं माना, बल्कि हम तीनों सगे भाई बहन की तरह ही रहते थे। छन्नू की हत्या जारम में 2010 में हुई थी। छन्नू व राजेन्द्र की प्रतिमा आसपास ही है। ऐसे में शांति न केवल अपने शहीद भाई राजेन्द्र बल्कि छन्नू की भी प्रतिमा पर राखी बांधती है। शांति ने बताया कि प्रतिमा के पास आने पर आज भी उनके करीब होने का अहसास होता है।
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