भूपेश बघेल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री मती निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर उनसे छत्तीसगढ़ राज्य को मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी के रूप में मिलने वाली राशि पूर्ववत् देने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि- वर्ष 2020-21 कोविड महामारी के दुष्प्रभावों के कारण वित्तीय दृष्टि से अत्यंत कठिन वर्ष रहा है। इस वर्ष राज्य में सभी आर्थिक गतिविधियों पर विपरीत प्रभाव पड़ने के कारण राज्य के स्वयं के वित्तीय स्रोतों में लगभग 30 प्रतिशत की कमी आना संभावित है। हाल ही में वर्ष 2021-22 के केन्द्रीय बजट में पेट्रोलियम पदार्थों, सोने-चांदी एवं अन्य अनेक वस्तुओं पर एक्साइज ड्यूटी में कमी कर उसके स्थान पर ‘कृषि अधोसंरचना विकास सेस‘ आरोपित करने की घोषणा आपके द्वारा की गई है। इससे राज्य को आगामी वित्तीय वर्ष में 900 से 1000 करोड़ रूपए की अतिरिक्त क्षति होना संभावित है।
बघेल ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य की जी.एस.टी. क्षतिपूर्ति मद में केन्द्र सरकार से अभी भी 3700 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त होना शेष है। केन्द्र सरकार द्वारा पूर्व में राज्य से 60 लाख टन चावल लेने की घोषणा के बाद राज्य के चावल के कोटे में 16 लाख टन की कटौती कर दी गई है, जिसके कारण भी राज्य द्वारा संग्रहित अतिरिक्त धान के निराकरण में राज्य को बड़ी हानि होना संभावित है।
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