रायपुर के सालासर बालाजी धाम में मंदिर स्थापना का तीसरा वार्षिकोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। एक दिन के इस उत्सव में भगवान के दर्शन के लिए भक्त उमड़ पड़े। सुबह भगवान का श्रृंगार कर दुग्धाभिषेक और सवामणी भोग लगाया गया। आरती के साथ ही सुंदरकांड का पाठ और भजन भी हुआ। फिर शाम को जीवन प्रबंधन गुरु पंडित विजय शंकर मेहता जी ने ‘हनुमान जी के सात रिश्ते’ पर कथा वाचन किया।
ये है मध्य भारत का पहला मान्यता वाला रायपुर का सालासर बालाजी धाम, जहां मंदिर स्थापना के तीन साल पूरे होने पर विशेष पूजा-अर्चना हुई। सुबह पुण्य मुहूर्त पर बालाजी के श्रृंगार के बाद दुग्धाभिषेक किया गया। इसके बाद भगवान को सवामणी भोग और छप्पन भोग लगाया गया। 55 तालियों से सालासर बालाजी की आरती हुई। साथ ही सुंदरकांड का पाठ भी किया गया।
सालासर बालाजी मंदिर परिसर में बने विशाल पंडाल में भजन संध्या के साथ ही भक्तों को महाप्रसादी दी गई। महोत्सव की संध्या जीवन प्रबंधन गुरु पंडित विजय शंकर मेहता जी ने ‘हनुमान जी के सात रिश्ते’ पर कथा का वाचन किया। उन्होंने रामायण के सात पात्रों के माध्यम से जीवन प्रबंधन और संबंधों की बड़ी खूबसूरत व्याख्या की।
सालासर बालाजी धाम के महोत्सव में सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचने लगे थे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए यहां सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। श्री सालासर बालाजी मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष सुरेश गोयल ने आभार प्रदर्शन किया।एक्टिव मरीजों की संख्या हुई 3 हजार से कम, आज 6 संक्रमितों की मौत
कोरोना काल के बाद बालाजी सालासर धाम के इस भक्तिमय आयोजन को लेकर भक्तों ने कहा कि इससे उनके अंदर एक नई सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ है।
वहीं आयोजन कर्ता अग्रवाल सभा के सदस्यों ने कहा कि सालासार बालाजी धाम की प्रसिद्धि और मान्यता लगातार बढ़ रही है। दूसरे राज्यों से भी भक्त दर्शन करने और कथा सुनने पहुंचे हैं।
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