प्रदेश के उद्योगपतियों को लौह अयस्क (आयरन ओर) की कीमतों में और गिरावट चाहिए। इसके लिए उद्योगपतियों ने केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखा है। उद्योगपतियों का कहना है कि सात महीने में एनएमडीसी ने आयरन ओर की कीमतों में करीब 120 फीसद की बढ़ोतरी की है। लेकिन घटाने में केवल 10 फीसद ही है।
छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी का कहना है कि ऐसी स्थिति में उद्योगों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। एनएमडीसी को कीमतों में और कमी करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि बीते साल जून से लेकर इस साल जनवरी तक आयरन ओर की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई थी। इसमें मामूली गिरावट से कोई फायदा नहीं होने वाला है।
फिर से बढ़ने लगे सरिया के दाम
बीते दिनों सरिया की कीमतों में 12 हजार रुपये टन की गिरावट आ गई थी, लेकिन अब पिछले कुछ दिनों से सरिया की कीमतों में बढ़ोतरी होने लगी है। जबकि बाजार में अभी सरिया की की मांग कमजोर है। फैक्ट्रियों में सरिया का भाव 46 हजार रुपये प्रति टन और रिटेल में 50 हजार रुपये प्रति टन पहुंच गया है। इस क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि कीमतों में बढ़ोतरी आने से बाजार में फिर से मांग कमजोर हो गई है। हालांकि सरिया की कीमतों में बढ़ोतरी है,लेकिन सीमेंट में अभी भी राहत है। सीमेंट की कीमतें 240 से 260 रुपये प्रति बैग तक बिक रही है। कारोबारियों का कहना है कि बाजार में मांग सुस्त है,ऐसे में कीमतों में बढ़ोतरी के संकेत नहीं है।
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