छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी को 132/33 केव्ही सलका उपकेन्द्र को पूर्ण कर क्रियाशील करने में बड़ी कामयाबी मिली है। कोरोना काल में प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच विद्युत कर्मियों ने कर्तव्यनिष्ठा का परिचय दिया है। विशालकाय उपकेन्द्र का लाभ दुरस्त आदिवासी अंचल के 135 गांवों को मिलेगा। नवनिर्मित उपकेन्द्र की कुल लागत 22.4 करोड़ है। पारेषण कंपनी के प्रबंध निदेशक अशोक कुमार ने कहा कि प्रदेश में उपलब्ध सस्ती बिजली की आपूर्ति सुदूर ग्रामीण और वनांचलों तक करने पारेषण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण युद्ध स्तर पर जारी है।
एमडी कुमार ने बताया कि अतिउच्च दाब सलका उपकेन्द्र में 40 एमव्हीए क्षमता का ट्रांसफार्मर ऊर्जीकृत किया गया है। इस उपकेन्द्र की मांग लंबें समय से सलका, उदयपुर,अंबिकापुर,लखनपुर, खम्हरिया, परसा, डांडगांव, मोहनपुर, हनुमानगढ़, केदमा, खुमदेवा, गुम्गा, लटौरी, कुन्नी, केटी, सयार के ग्रामीण कर रहे थे। उपकेन्द्र के क्रियाशील हो जाने से इन क्षेत्रों में किसी प्रकार के विद्युत अवरोध (बे्रकडाउन) होने पर सुधार कार्य में अब कम समय लगेगा। साथ ही 135 गांवों के कृषि उद्योग जगत का विकास होगा। इस उपकेन्द्र का सबसे बड़ा फायदा यह भी होगा कि अब परसा कोल माइन्स के रेलवे टेÑक्शन को न्यूनतम दूरी की विद्युत लाइन से बिजली आपूर्ति हो सकेगी। आवश्यकता पड़ने पर सलका उपकेन्द्र (उदयपुर) से अंबिकापुर को भी विद्युत की आपूर्ति हो सकेगी। इस उपकेन्द्र से छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के उदयपुर और लखनपुर वितरण केन्द्र के छह 33/11 के.व्ही. के उपकेन्द्रों को नियमित व गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति होगी।
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