छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित भूमि व्यवस्थापन किया जा रहा है। ऐसे व्यक्ति जो शासकीय भूमि का अतिक्रमण कर आवासीय या व्यवसाय के लिए उपयोग कर रहे है वे शासन के गाइड लाईन के तहत भूमि स्वामी हक के लिए आवेदन कर सकते है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन के तहत 7500 वर्ग फीट भूमि के आबंटन के अधिकार जिला कलेक्टर को दिए गए है।
महासमुन्द जिले के प्रेमशीला श्याम सुंदर तिवारी जो देहानिभाठा बागबाहरा के निवासी है ने शासन के नए प्रावधानों का लाभ लेते हुए अपने द्वारा किये अतिक्रमित भूमि को व्यवस्थापन प्रक्रिया के तहत नियमितीकरण करने हेतु राशि 4 लाख 58 हजार 417 रुपए चालान के माध्यम से जमा कर भूस्वामित्व अधिकार प्राप्त किया है। अतिक्रमणकारी से भू स्वामी बनने वाले श्यामसुंदर तिवारी ने बताया कि आज मुझे बड़े सुकून से नींद आएगी। अब हम इस जमीन के वास्तविक स्वामी बन गए। अब तब हमने इस घर को कोई नाम नही दिया था क्योंकि यह जमीन शासकीय थी और हमरा जमीन पर कोई हक नही था। हमारा बहुत सारा पैसा घर बनाने में लग गया था पर आज इस योजना के कारण अब इस घर को ’तिवारी निवास’ नाम देंगे और हक से घर मे रहेंगे। महासमुंद जिला मुख्यालय में भी तीन लोगों ने 25 लाख रुपए जमा कर इस योजना का लाभ उठा कर चिन्ता मुक्त हुए है।
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