प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सूरत के हजीरा एलएंडटी में तैयार सेना के लिए सबसे शक्तिशाली के9 वज्र टैंक देश को समर्पित कर दिया. इसके बाद खुद प्रधानमंत्री ने इस टैंक की सवारी कर इसका जायजा भी लिया. मेक इन इंडिया के तहत बने इस टैंक से सेना की ताकत बढ़ेगी. यह टैंक बेहद शक्तिशाली है और हम आपको बताते हैं क्या है इसकी खासियतें.
इस टैंक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह टैंक दुश्मन को ढूंढ-ढूंढकर मारेगी. अब तक सेना के पास जो टैंक हैं वो एक जगह पर स्थिर होकर वार करते हैं लेकिन के9 वज्र चारों तरफ घूम-घूमकर हमला करने में सक्षम है. टैंक नुमा ‘K9 वज्र’ तोप रेगिस्तानी इलाकों के लिए तैयार की गई है. 2017 में एलएंडटी और हानवा टेकविन की साझेदारी में इसका निर्माण शुरू हुआ था. इस सौदे की कुल कीमत करीब 4300 करोड़ रुपए है.
के9 वज्र बेहद दमदार है और डायरेक्ट फायरिंग में एक किलोमीटर दूरी पर बने दुश्मन के बंकर और टैंकों को भी तबाह करने में सक्षम है. इस टैंक को किसी भी वातावरण में चलाने के लिए डिजाइन किया गया है. टैंक का वजन 47 टन है जबकि टैंक की लंबाई 12 मीटर है और ऊंचाई 2.73 मीटर है. टैंक में चालक के साथ पांच लोग सवार हो सकते हैं. K-9 वज्र 21 वीं सदी के किसी भी युद्ध में दुश्मन के दांत खट्टे करने में सक्षम है.
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इस टैंक में 155X39 कैलेबर की वज्र एक सेल्फ प्रोपेलड ट्रेक्ड तोप है. K-9 वज्र एक स्व-चालित एंटाल्या प्रणाली से चलती है, जिसकी मारक क्षमता 40 किलोमीटर से 52 किलोमीटर है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 480 किमी है. यह पहली ऐसी तोप है जिसे इंडियन प्राइवेट सेक्टर ने बनाया है. यह तोप तीन मिनट में 15 राउंड की भीषण गोलाबारी कर सकती है और 60 मिनटों में लगातार 60 राउंड की फायरिंग भी कर सकती है.
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