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शांति और परस्पर लाभ के लिए एकजुट हों महासागरीय देश: राजनाथ

04 (वार्ता) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि हिन्द महासागर क्षेत्र की मौजूदा चुनौतियों को देखते हुए इससे लगते देशों द्वारा सुरक्षा, शांति तथा समदिघ का माहौल सुनिश्चित करने के लिए अर्थव्यवस्था, व्यापार, नौसेना तथा समुद्री क्षेत्र में उच्च स्तर पर सहयोग किये जाने की जरूरत है।
श्री सिंह ने गुरूवार को यहां एयरो इंडिया के दौरान आयोजित हिंद महासागर देशों के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हिन्द महासागर सब देशों की साझा संपत्ति है और लेकिन मौजूदा समय में इसमें समुद्री डकैती, नशीले पदार्थो तथा लोगों की तस्करी, मानवीय आपदा बडी चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि एकजुट होकर तथा समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाकर हम इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं क्योंकि किसी आज किसी एक देश का खतरा कल दूसरे देश के लिए भी खतरा बन कर सामने आ सकता है।
दक्षिण चीन सागर में चीन के प्रभुत्व बढाने की कोशिशों का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमने दुनिया के कुछ समुद्री क्षे़त्रों में परस्पर टकराव वाले विभिन्न दावों का नकरात्मक असर देखा है । इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हिन्द महासागर क्षेत्र में शांति बनी रही और सभी देश इस साझा संपत्ति का फायदा उठाये। भारत के इन देशों के साथ ऐतिहासिक और सांस्कतिक संबंध रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत हिन्द महासागर के देशों को मिसाइल प्रणाली, हल्के लडाकू विमान तथा हेलिकाॅप्टर , युद्धपोत , गश्ती नौका , तोप प्रणाली , टैंक, राडार , सैन्य वाहन, इलेक्ट्रानिक वारफेयर प्रणाली और अन्य हथियार प्रणाली देने को तैयार है जिससे कि तमाम तरह की चुनौतियों से निपट सकें।