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लोकसभा में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण से जुड़े 124वें संशोधन बिल पर चर्चा जारी है. मोदी कैबिनेट ने सोमवार को ही आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को लोगों को आरक्षण देने का फैसला किया था. लोकसभा से पारित होने के बाद इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जिसके लिए राज्यसभा के सत्र को एक और दिन के लिए बढ़ाया गया है.
आरजेडी के जय प्रकाश यादव ने कहा कि जिस तरीके से यह संशोधन बिल लाया गया है हम उसका विरोध करते हैं क्योंकि यह एक धोखा है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का बरियर टूट गया है. यादव ने कहा कि जातीय जनगणना कराओ और जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागादारी होनी चाहिए. हमें 85 फीसदी आरक्षण चाहिए, बाकी आप ले जाएं. उन्होंने कहा कि पिछड़ा और एससी-एसटी का बेटा प्रोफेसर नहीं बन सकता. यादव ने कहा कि यह लोग धोखा दे रहे हैं और हमें 27 से 85 फीसदी आरक्षण चाहिए.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि हमारी सरकरा सबका साथ, सबका विकास की सिर्फ बात नहीं करती बल्कि उस दिशा में काम करके दिखाया है. दुबे ने कहा कि मेरे जैसे लोगों के लिए आज होली और दिवाली है. उन्होंने कहा कि हम भी गरीबी में पढ़े लिखे हैं और हमारे जैसे सभी सवर्णों के लिए आज खुशी का दिन है. हमारे यहां वर्ण व्यवस्था में जाति व्यवस्था कहीं नहीं थी लेकिन मुगलों और अग्रेंजों की वजह से ऐसा भेदभाव समाज में फैल गया.
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