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PM मोदी का वैज्ञानिकों से आह्वान,विज्ञान की मदद से करें नए भारत का निर्माण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को एक दिवसीय पंजाब दौरे पर पहुंचे. उन्होंने जालंधर की लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU ) में 106वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन किया. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने विज्ञान की मदद से नए भारत केे निर्माण का आह्वान करते हुए देश के वैज्ञानिकों से ‘इज ऑफ लिविंग’ पर तेजी से  काम करने को कहा ताकि भारत दुनिया में विज्ञान के क्षेत्र में नेतृत्व कर सके.

प्रधानमंत्री ने कहा कि शास्‍त्री जी ने हमें जय जवान, जय किसान का नारा दिया. 20 साल पहले अटल जी ने जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान का नारा दिया था. आज मैं इसमें जय अनुसंधान भी जोड़ता हूं. गौरतलब है कि इस वार्षिक समारोह में देश भर से आए शीर्ष वैज्ञानिक चर्चा करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सैकड़ों वर्ष से भारतीय वैज्ञानिक जो काम कर रहे हैं, उसका फायदा देश को मिल रहा है. देश को आगे बढ़ाने में वैज्ञानिकों और छात्रों का काफी अहम रोल है. आज केंद्र सरकार युवाओं को स्टार्ट अप के लिए प्रेरित कर रही है, इसके लिए मदद भी की जा रही है.

आगे आएं देश के युवा

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की मेहनत के दम पर फसलों की पैदावार बढ़ी है, लेकिन अभी भी न्यू इंडिया की चुनौतियों को देखते हुए इसमें वैज्ञानिक तकनीकों को भी लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के बाद अब ईज ऑफ लिविंग पर काम करना होगा. इसके लिए पीने का पानी, वायु की गुणवत्ता, साइबर सुरक्षा समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर सुधार किया जा सकता है, इसके लिए देश के युवाओं को आगे आना होगा.

हमें दुनिया का नेतृत्व करना चाहिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा अब वक्त आ गया है कि हमें दुनिया का नेतृत्व करना चाहिए. उन्होंने कहा कि तमाम टेक्नॉलॉजी का कम कीमत में कारगर इस्तेमाल खेती में कैसे हो, इस पर हमारा फोकस होना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें सिर्फ रिसर्च करने के लिए रिसर्च नहीं करनी है बल्कि अपनी उपलब्धता को उस स्तर पर ले जाना है जिससे दुनिया उसके पीछे चले.

पांच दिनों तक चलेगा सम्मेलन

भारतीय विज्ञान कांग्रेस का थीम ‘भविष्य का भारत-विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी’ है. इसका आयोजन लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की ओर से किया जा रहा है. यह तीन से सात जनवरी तक चलेगा. पांच दिन तक चलने वाले इस कांग्रेस में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े 100 से अधिक सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जहां डीआरडीओ, इसरो, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, एम्स, यूजीसी, एआईसीटीई के अधिकारी हिस्सा लेंगे. इसमें ब्रिटेन, अमेरिका और भारत के कई प्रमुख विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. केंद्रीय मंत्री हर्षवर्द्धन एवं स्मृति ईरानी भी इसमें हिस्सा लेंगी.