मुख्यमंत्री व दो मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चल रही चर्चा और कवायद पर मंगलवार को विराम लग गया। मंगलवार को सुबह नौ विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। भूपेश सरकार के इस नवगठित मंत्रिमंडल में दुर्ग संभाग का दबदबा रहा। अकेले दुर्ग संभाग से 50 फीसदी यानी मुख्यमंत्री समेत छह विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिली है।
मंत्रिमंडल के गठन में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को ध्यान रखा गया है। सबसे ज्यादा मंत्री दुर्ग संभाग से बनाये गये हैं। भूपेश मंत्रिमंडल के 12 सदस्यों में से छह मंत्री दुर्ग संभाग से हैं। दुर्ग जिले के पाटन विधायक बतौर प्रदेश के मुखिया यानी मुख्यमंत्री हैं। इसके अलावा दुर्ग जिले से ही दुर्ग ग्रामीण के विधायक ताम्रध्वज साहू व अहिवारा के विधायक गुरु रूद्र कुमार को मंत्रिमंडल में जगह मिली है।
इसके अलावा दुर्ग संभाग अंतर्गत कबीरधाम (कवर्धा) के विधायक मोहम्मद अकबर, बेमेतरा जिले के साजा विधानसभा के विधायक रविंद्र चौबे और बालोद जिले के डौंडीलोहारा विधायक अनिला भेडिया को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। लोकसभा क्षेत्र के हिसाब से आंकलन किया जाए तो मुख्यमंत्री व तीन मंत्री दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से आएं हैं जबकि एक मंत्री अनिला भेडिया कांकेर लोकसभा व एक मंत्री राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से बतौर मंत्री मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं।
जातीय संतुलन का प्रयास
भूपेश बघेल सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय संतुलन का पूरा ख्याल रखा गया है। दुर्ग संभाग में सामान्य वर्ग, ओबीसी और आदिवासी वर्ग से एक-एक मंत्री बनाये गए हैं। इसी तरह अनुसूचित जाति वर्ग से एक और अल्पसंख्यक वर्ग से एक मंत्री बनाये गये हैं।
सामान्य वर्ग से दुर्ग संभाग अंतर्गत बेमेतरा जिले के रविन्द्र चौबे को मंत्रिमंडल में स्थान मिला है। वहीं ओबीसी वर्ग से सीएम भूपेश बघेल, ताम्रध्वज साहू दुर्ग जिले से शामिल हैं। आदिवासी वर्ग से बालोद जिले के अनिला भेडिया मंत्री बनाये गये हैं। वहीं अनुसूचित जाति वर्ग से दुर्ग जिले के अहिवारा विधानसभा से रुद्र गुरु को मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है, जबकि अल्पसंख्यक वर्ग से दुर्ग संभाग के कबीरधाम जिले के मोहम्मद अकबर को जगह दी गई है।
एक विधायक और बन सकेगा मंत्री
बता दें कि 90 सीटों वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस के 68 विधायक जीतकर आए हैं। दुर्ग संभाग के दुर्ग, राजनांदगांव, कवर्धा, बालोद और बेमेतरा मिलाकर कुल 20 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें से 17 कांग्रेस की झोली में गए हैं, जबकि भाजपा को दो और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की झोली में एक सीट गई है।
दुर्ग संभाग में विधायकों की संख्या के हिसाब से सामान्य, ओबीसी, अनुसूचित जाति, अनुचूचित जनजाति और अल्पसंख्यक वर्ग को मंत्रिमंडल में पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिला है। वर्तमान में कुल पहले दो मंत्री और मंगलवार को शपथ लिए नौ मंत्री मिलाकर रिक्त रखा गया है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में दुर्ग संभाग के राजनांदगांव जिले से किसी एक को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
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