भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक पर्व छेरछेरा की बधाई देते हुए प्रदेशवासियों की खुशहाली, सुख, समृद्धि की कामना की है। सीएम बघेल ने छेरछेरा पर्व की पूर्व संध्या पर जारी अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि नई फसल के घर आने की खुशी में महादान और फसल उत्सव के रूप में पौष मास की पूर्णिमा को छेरछेरा पुन्नी तिहार मनाया जाता है। यह त्यौहार हमारी समाजिक समरसता, समृद्ध दानशीलता की गौरवशाली परम्परा का संवाहक है। इस दिन ‘छेरछेरा, कोठी के धान ल हेरहेरा‘ बोलते हुए गांव के बच्चे, युवा और महिला संगठन खलिहानों और घरों में जाकर धान और भेंट स्वरूप प्राप्त पैसे इकट्ठा करते हैं और इकट्ठा किए गए धान और राशि रामकोठी में रखते हैं और वर्ष भर के लिए अपना कार्यक्रम बनाते हैं।
छेरछेरा के समय धान मिसाई का काम आखरी चरण में होता है। इस दिन छोटे-बड़े सभी लोग घरों, खलिहानों में जाकर धान और धन इकट्ठा करते हैं। इस प्रकार एकत्रित धान और धन को गांव के विकास कार्यक्रमों में लगाने की परम्परा रही है। छेरछेरा का दूसरा पहलू आध्यात्मिक भी है, यह बड़े-छोटे के भेदभाव और अहंकार की भावना को समाप्त करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में कुपोषण समाज की बहुत बड़ी समस्या है। कुपोषण दूर करने के लिए सरकार के साथ समाज और लोगों की भागीदारी जरूरी है। अपनी प्राचीन गौरवशाली परम्परा को आगे बढ़ाते हुए बच्चों के स्वस्थ, कुपोषण मुक्त, सुखद भविष्य के लिए सहयोग करें।
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