पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि उनकी सरकार 2008 के मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं को इंसाफ के कठघरे में लाना चाहती है और यह पाकिस्तान के हित में है. एक तरह से उन्होंने मान लिया कि इस हमले की साजिश पाकिस्तान की धरती पर रची गई थी.
इमरान खान का यह बयान उस समय आया है जब नरेंद्र मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं हो सकती. पिछले महीने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत तब तक शुरू नहीं की जा सकती जब तक वह भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकी गतिविधियों को बंद नहीं कर देता.
दोषियों को दिलाएंगे सजा
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद को लेकर बुरी तरह से आलोचना का सामना करने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ने जुलाई में चुनाव जीतने के बाद अपने पहले संबोधन में कहा था कि भारत एक कदम आगे बढ़ेगा तो हम दो कदम चलेंगे. अपने नए बयान में उन्होंने कहा है कि इस्लामाबाद नवंबर, 2008 में मुबंई हमले के दोषी आतंकियों को सजा दिलवाना चाहता है.
26 नवंबर, 2008 को हथियारों से लैस लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के 10 आतंकियों ने मुंबई पर आतंकी हमला कर दिया और उसके शहर के कई इलाकों को अपना निशाना बनाया, जिसमें ऐतिहासिक ताज होटल भी शामिल था. इस आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए जबकि 300 से ज्यादा घायल हो गए.
पाक में खुला घूम रहा सईद
भारतीय सुरक्षा बलों ने नौ आतंकवादियों को मार गिराया था जबकि जिंदा पकड़े गए एकमात्र आतंकी अजमल कसाब को अदालत से मृत्युदंड मिलने के बाद फांसी के फंदे पर लटका दिया गया था.
प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार किसी विदेशी अखबार को दिए अपने साक्षात्कार में इमरान खान ने कहा, ‘हम 2008 में मुंबई में आतंकी हमले में आतंकियों पर कार्रवाई चाहते हैं. मैंने अपनी सरकार को इस केस की स्थिति को जानने के आदेश दिए हैं. इस केस को सुलझाना हमारे लिए जरूरी है, क्योंकि यह एक आतंकी हमला था.’ घटना के करीब 10 साल बाद पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व ने एक तरह से स्वीकार किया है कि मुंबई में आतंकी हमले में लश्कर के आतंकी शामिल थे.
भारत मुंबई हमले को लेकर पाकिस्तान को ढेरों सबूत दे चुका है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर दोनों देशों के रिश्तों में किसी स्तर का सुधार नहीं हो सका है. भारत पहले ही लश्कर प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करता रहा है, जबकि सईद आज भी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है. खास बात यह है कि सईद को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी भी घोषित किया जा चुका है.
‘भारत का सत्ताधारी दल मुस्लिम विरोधी’
वाशिंगटन पोस्ट में दिए इंटरव्यू में इमरान ने उम्मीद जताई कि भारत में अगले साल मई में लोकसभा चुनाव के बाद बातचीत का सिलसिला फिर से शुरू हो सकेगा. उन्होंने कहा, ‘ (भारत के) सत्ताधारी दल का रुख मुस्लिम विरोधी और पाकिस्तान विरोधी है. उन्होंने मेरी सभी पहल को खारिज कर दिया. हमें उम्मीद है कि चुनाव खत्म होने के बाद हम भारत के साथ फिर से बातचीत शुरू कर सकेंगे.’
सितंबर में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर न्यूयार्क में विदेश मंत्री स्तरीय बातचीत का प्रस्ताव किया था. भारत ने प्रस्ताव को स्वीकार किया लेकिन तभी सीमा पर पाक की ओर से किए गए कुछ नृशंस हरकतों के बाद उसे खारिज कर दिया. भारत ने पाकिस्तान पर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की नृशंस हत्या करने और को महिमा मंडित करने का आरोप लगाया.
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