1 December 2018
राहुल गांधी के सिपहेसालार नवजोत सिद्धू ने १३ अक्टूबर २०१८ को कहा था कि (सिद्धू ) उनके लिये पाकिस्तान की यात्रा दक्षिण भारत की यात्रा से बेहतर है। अर्थात उनके लिये दक्षिण भारत से अधिक पाकिस्तान महत्वपूर्ण है।
उक्त कथन उनकी दो बार की पाकिस्तान यात्रा से सत्य भी हो चुका है। प्रथम पाकिस्तान यात्रा के दरमियान पाक आर्मी चीफ बाजवा से गले मिलना और दूसरी यात्रा में खालिस्तानी आतंकी गोपाल चावला के साथ फोटो खिचवाना और उस फोटो का सोशल मीडिया में चावला द्वारा प्रसारित किया जाना क्या सिद्ध करता है?
करतापुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम में पाकिस्तान जाने को लेकर विपक्ष के निशाने पर आए। कांग्रेस नेता तथा पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को दक्षिण भारत के हैदराबाद में कहा है कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें पाकिस्तान जाने के लिए कहा था। वे यहॉ तेलंगाना में कांग्रेस का चुनाव प्रचार करने के लिये आए हुए हैं।
हैदराबाद में चुनाव प्रचार के दौरान सिद्धू ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. सी. राव पर भी निशाना साधते हुए उन्हें गिरगिट से भी तेज रंग बदलने वाला बताया। वे भूल गये कि दलबदलू सिद्धू स्वयं सबसे अधिक गिरगिट के जैसे रंग बदलने वाले हैं।
>>> सिद्धू ने कहा कि पाकिस्तान से लौटने पर हरीश रावत, शशि थरूर, सूरजेवाला जैसे नेताओं ने बधाई दी।
निश्चित ही यह बधाई उन्होंने सिद्धू द्वारा बाजवा के गले मिलने से और अपनी स्वयं की फोटो खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला के साथ फोटो खिचवाने के उपलक्ष्य मे दी होगी।
>> नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें पाकिस्तान जाने के लिए कहा था।
कांग्रेस और राहुल गांधी को यह स्वीकार करना मुश्किल हो रहा है कि सिद्धू की पाकिस्तान यात्रा और वहॉ उनकी शैतानी छल–कपट पूर्ण हरकतें करने की कांग्रेस के उच्चतम नेतृत्व की मंजूरी नहीं थी।
ओपी इंडिया ने पहले बताया था कि सिद्धू को पाकिस्तान के लिए रवाना होने से कुछ दिन पहले राहुल गांधी द्वारा उनके लिए प्रस्तावित विशेष विमान की व्यवस्था किये जाने की बात कही थी। अब, एएनआई से बात करते हुए सिद्धू ने दोहराया है कि उन्हें कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से पाकिस्तान आने के लिए मंजूरी दे दी गई थी।
हालांकि, यह कांग्रेस पार्टी के दावे के विपरीत है कि सिद्धू पाक प्रधान मंत्री इमरान खान के साथ अपनी व्यक्तिगत दोस्ती के आधार पर करतरपुर कॉरिडोर के समारोह में भाग लेने गए थे। कांग्रेस ने पहले दावा किया था कि सिद्धू अपनी ‘व्यक्तिगत क्षमताÓ में पाकिस्तान गए थे।
>>> पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सिद्धू के समारोह की यात्रा पर नाराजगी व्यक्त की थी। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘मैंने उनसे पाकिस्तान जाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा लेकिन फिर भी वह चले गए।Ó
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर तंज, कहा– मेरे कैप्टन तो राहुल गांधी हैं, वह कैप्टन के भी कैप्टन हैं।
भारत में आतंकवाद को प्रायोजित करने के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा , ‘मैं पंजाब में आतंकवाद को बढऩे बढ़ाने की अनुमति नहीं दूंगा। पहली बार, कश्मीर से कुछ आतंकवादी पंजाब में रसद आधार स्थापित करने की कोशिश कर रहे थे। पाकिस्तान इन आतंकवादियों का उपयोग अपनी घृणित योजनाओं को निष्पादित करने के लिए कर रहा है, लेकिन हम इसे अनुमति नहीं देंगे। Ó
उक्त समीक्षा से स्पष्ट है कि एक ओर जहॉ कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब में पुन: खालिस्तान आतंक को बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते हैं ठीक इसके विपरीत विचार हैं कांग्रेस उच्च नेतृत्व राहुल गांधी के।
यहॉ यह स्मरण रखना होगा कि वोट बंैक पॉलिटिक्स के लिये इंदिरा गांधी ने भिंडरावाले के द्वारा खालिस्तानी आंदोलन को बढ़ावा दिया गया था। इंदिरा गांधी के ही पद चिन्हों पर चलते हुए राहुल गांधी अब वोट बैंक पॉलिटिक्स के लिये सिद्धूृ और गोपाल चावला के माध्यम से पाकिस्तान की आढ़ में खालिस्तानी आंदोलन को पुन: भारत में जिंदा करना चाहते हैं। यह खतरनाक खेल वे येन–केन–प्रकारेण प्रधानमंत्री बनने की लालसा में कर रहे हैं।
इसी सत्तालोलुपता के लिये डोकलाम विवाद के समय राहुल गांधी गुपचुप दो बार चीन के राजदूत से मुलाकात की थी।
राहुल गांधी को समझना चाहिये कि सत्ता लोलुपता के लिये वे कांग्रेस को देश की गद्दारी की ओर न ढ़केलें ।
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