08-01-2021
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत बनी हुई है। मोदी राज में विदेशी निवेशकों ने भारत पर भरोसा जताया है। भारतीय शेयर बाजारों में 2020 के दौरान विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) से 23 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश मिला जो कि उभरते बाजारों में सबसे ज्यादा है। साल 2020 में जनवरी से दिसंबर तक एफआईआई ने भारतीय इक्विटी बाजार में कुल 1.6 लाख करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया। यह लगातार दूसरा साल है जबकि उभरते बाजारों के बीच भारतीय शेयर बाजारों में सबसे ज्यादा एफआईआई निवेश हुआ। 2019 की तुलना में यह 63 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है। उस साल में कुल निवेश 1.01 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया गया था। जानकारों के अनुसार आने वाले वर्षों में मजबूत आर्थिक सुधार और आय में वृद्धि की उमीद ने भारत में एफआईआई को आकर्षित किया है।
दिसंबर, 2020 में एफपीआई ने किया 68,558 करोड़ का रिकॉर्ड निवेश विदेशी निवेशकों ने कोरोना महामारी के दौरान दिसंबर में भारत में 68,558 करोड़ रुपये निवेश किया। डिपॉजिटरी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने दिसंबर में शेयरों में रिकार्ड 62,016 करोड़ रुपये, जबकि बांड में 6,542 करोड़ रुपये निवेश किए। नवंबर में एफपीआई का कुल शुद्ध निवेश 62,951 करोड़ रुपये था। भारत कोरोना काल में भी आर्थिक मोर्चे पर कई सुधारों के साथ अन्य उभरते बाजारों की तुलना में निवेश का बड़ा हिस्सा आकर्षित करने में सफल रहा है।
आइए एक नजर डालते हैं देश की अर्थव्यवस्था एक बार फिर से किस प्रकार पटरी पर लौटने लगी हैज् सर्विस सेटर ने पकड़ी रतार सर्विस सेटर के परचेजिंग मैनेजर्स इंडेस अटूबर में पिछले सात महीने के दौरान पहली बार 54.1 पर रहा है। पीएमआई में 50 से ज्यादा स्कोर कारोबारी गतिविधियों में रतार को दिखाता है, जबकि 50 से कम का स्कोर इसमें गिरावट को दर्शाता है। सर्विस पीएमआई का बढऩा इकनॉमी को लेकर नई उमीद जगाता है। आईएचएस मार्किट की इकॉनोमिक एसोसिएट डायरेटर पॉलियाना डि लीमा के मुताबिक इंडेस जब 50 से ऊपर रहता है, तो इसका मतलब यह होता है कि संबंधित कारोबारी सेटर में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि यह उत्साहजनक है कि भारतीय सेवा क्षेत्र कोविड-19 महामारी के कारण खराब हुई स्थिति से उबर रहा है।
13 साल की ऊंचाई पर मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई इसके पहले देश का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेस (PMI) अटूबर में बढ़कर 58.9 तक पहुंच गया। यह अटूबर, 2007 के 56.8 के बाद अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। कोरोना लॉकडाउन में नरमी के बाद अब कंपनियां अपना उत्पादन तेजी से बढ़ाने में लगी हैं। मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई पिछले महीने सितंबर में 56.8 पर रहा था।
जीएसटी कलेशन 1 लाख करोड़ रुपये के पार इस अटूबर में वस्?तु और सेवा कर-जीएसटी कलेशन आठ महीने के बाद एक बार फिर 1 लाख करोड़ रुपये के पार हो गया है। इससे पहले एक लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेशन फरवरी में हुआ था। विा मंत्रालय के अनुसार इस वर्ष अ?टूबर में कुल जीएसटी कलेशन 1,05,155 करोड़ रुपये रहा। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि में प्राप्?त राजस्?व से दस प्रतिशत अधिक है। इस दौरान वस्?तुओं के आयात से प्राप्?त राजस्?व में नौ प्रतिशत और सेवाओं के आयात सहित घरेलू कारोबार से प्राप्?त राजस्?व में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अटूबर में यात्री वाहनों की बिक्री में भारी तेजी आई है। मारुति सुजुकी ने अटूबर में कुल 1,82,448 वाहन बेचे, जो पिछले साल के अटूबर के मुकाबले 19 प्रतिशत ज्यादा है। जबकि हुंडई मोटर्स ने अटूबर में कुल 68,835 गाडिय़ां बेचीं, जबकि अटूबर- 2019 में कंपनी ने कुल 63,610 यूनिट्स की बिक्री की थी। दोपहिया वाहनों में हीरो मोटर्स ने 35 प्रतिशत वृद्धि के साथ अक्तूबर में 8 लाख से अधिक, जबकि बजाज ने 11 प्रतिशत वृद्धि के साथ 5 लाख 12 हजार और टीवीएस ने 24 प्रतिशत तेजी के साथ 3 लाख 82 हजार यूनिट्स बेचे हैं।
रिकॉर्ड यूपीआई लेन-देन यूपीआई ने अटूबर में 2 अरब लेन-देन का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अ?टूबर में देश में कुल 207.16 करोड़ रुपये मूल्?य के यूपीआई ट्रांजेशन हुए। पिछले साल अ?टूबर में यूपीआई के जरिये 114.83 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक कुल 3.3 लाख करोड़ रुपये के यूपीआई लेन-देन हो चुके हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार ने बनाया नया रिकॉर्ड देश का विदेशी मुद्रा भंडार 18 दिसंबर को खत्म हते में 2.563 अरब डॉलर बढ़कर 581.131 अरब डॉलर हो गया है। यह अबतक का सबसे ऊंचा स्तर है। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा यानी विदेशी मुद्रा एसेट्स 1.382 अरब डॉलर बढ़कर 537.727 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस सप्ताह में स्वर्ण भंडार में 1.008 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई और यह 37.020 अरब डॉलर मूल्य का हो गया। विदेशी मुद्रा भंडार ने 5 जून, 2020 को खत्म हुए पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर को पार किया था। इसके पहले यह आठ सितंबर 2017 को पहली बार 400 अरब डॉलर का आंकड़ा पार किया था। जबकि यूपीए शासन काल के दौरान 2014 में विदेशी मुद्रा भंडार 311 अरब डॉलर के करीब था।
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