6 October 2018
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव खडग़े ने गुरुवार को महाराष्ट्र के जलगांव जिले में पार्टी की जन संघर्ष यात्रा के दूसरे चरण की शुरूआत के लिए आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए यह बात कही. खडग़े ने कहा, ‘हम लोगों (कांग्रेस) ने देश के लिए अपना जीवन बलिदान किया है . इंदिरा गांधी ने देश की एकता– अखंडता के लिए बलिदान दिया. राजीव गांधी ने देश के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया. मुझे बताइए कि क्या देश की आजादी के लिए भाजपा और संघ नेताओं के घर का एक कुत्ता भी कुर्बान हुआ है?Ó
खडग़े ने पूछा, ‘हमें बताइए (देश की आजादी के लिए) आपके कौन से लोग जेल गए हैं?Ó पिछले साल फरवरी में इसी तरह की टिप्पणी के लिए मोदी ने लोकसभा में कांग्रेस नेता खडग़े की निंदा की थी. खडग़े ने निचले सदन में में कहा था, ‘गांधीजी, इंदिराजी ने देश की एकता के लिये अपना जीवन बलिदान कर दिया. आपकी ओर से किसने किया? एक कुत्ता भी नहीं था.Ó मोदी ने बाद में लोकसभा में अपने भाषण के दौरान कहा था कि ‘कांग्रेस ने कभी भगत सिंह और चंद्र शेखर आजाद जैसे आजादी के वीरों के योगदान के बारे में नहीं कहा. वे सिर्फ यही सोचते हैं कि एक ही परिवार ने हमें आजादी दिलायी.Ó यात्रा के तहत कांग्रेस नेता महाराष्ट्र का दौरा कर रहे हैं. तीन महीने में अब तक 150 विधानसभा सीटों में यात्रा की गयी है. इसे राज्य में पार्टी का अब तक का सबसे विशाल जनसंपर्क अभियान बताया जा रहा है.
यहॉ यह स्मरण कराना आवश्यक है कि कम्युनिस्टों ने भी सुभाष बोस को जापानी पीएम तोजो का कुत्ता कहा था। (नेताजी सुभाष गधा और उनकी पीठ पर जापानी पीएम तोजो। कम्युनिस्ट पार्टी पिपुल्स वार १९ जुलाई १९४२)
पंडित नेहरू ने भी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को जी भर कोसा है। भरपूर आलोचना की है। यहॉ तक की उनके निर्देश पर संघ पर प्रतिबंध भी लगा परंतु बाद में यह प्रतिबंध वल्ल्भ भाई पटेल ने निरस्त किया था।
जिस प्रकार से कम्युनिस्ट पार्टी के सर्वे–सर्वा वर्धन जो कि राहुल गांधी के सिपहेसालार राहुल गांधी के कन्हैय्या कुमार के गुरू भी रहे हैं, उन्होंने बाद में कम्युनिस्ट पार्टी की भूल को स्वीकार किया।
महात्मा गांधी का और उनके नाम तथा सरनेम का दोहन कांग्रेस ने खूब किया है। महात्मा गांधी को मालुम था कि आजादी की लड़ाई में संपूर्ण भारत की जनता का योगदान था परंतु इसको भुलाकर बाद में कांग्र्रेस के नेता इस योगदान को अपना ही योगदान बताकर भारत की स्वतंत्रता के लिये जिन्होंने लड़ाई लड़ी उनका अपमान करेंगे।
इसी कारण से महात्मा गांधी चाहते थे कि १९४७ के बाद कांग्रेस को भंग कर दिया जाये।
तामिलनाडू की पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय जयललिता ने 2 अप्रैल, 2013 को कांग्रेस के सदस्यों का विधानसभा में मजाक उड़ाया और कहा कि वे कांग्रेस को भंग करने के लिए अपनी पार्टी के इतिहास और महात्मा गांधी के सुझाव से भी अवगत नहीं हैं। जयललिता ने इसके लिए दस्तावेजी सबूत दिया।
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