देश का सबसे महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट जमीन अधिग्रहण और राजनीति के पचड़ों में फंसता नजर आ रहा है. मुंबई सहित महाराष्ट्र में प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का काम लटका हुआ है. इसके साथ ही जिस बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स में बुलेट ट्रेन का टर्मिनल प्रस्तावित है, वहां पर भी शिवसेना की सरकार मेट्रो शेड बनाकर रोड़े अटकाने का प्रयास कर रही है.
इस बीच रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने संकेत दिए हैं कि यदि महाराष्ट्र में जमीन अधिग्रहण में देरी होती है तो मुंबई का नाम देश की पहली मेट्रो रेल के सफर से कट सकता है. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा कि भारतीय रेलवे बुलेट ट्रेन परियोजना को एक साथ चालू करना चाहता है और हमने उसी के अनुसार योजना बनाई है. महाराष्ट्र सरकार ने अगले 4 महीनों में 80 प्रतिशत से अधिक भूमि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है.
विनोद यादव ने सख्त लहजे में कहा कि अगर हमें जमीन मिल जाती है तो परियोजना गुजरात और महाराष्ट्र दोनों में शुरू की जा सकती है, लेकिन हम प्रोजेक्ट में देरी नहीं कर सकते. हम यह भी तैयारी कर रहे हैं कि महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में देरी होने पर हम पहले चरण में गुजरात के वापी तक बुलेट ट्रेन चला सकें.
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