यदि सुभाष चंद्र बोस की हत्या में शामिल शक्तियों को सजा मिल जाती…
यदि लाल बहादुर शास्त्री की हत्या में शामिल देश–विदेश की शक्तियों को सजा मिल जाती…
यदि राजीव गांधी के हत्या में शामिल नेताओं का भी पता चल जाता…
तो आज हमारे देश के नेताओं के विशेषकर पीएम मोदी के जीवन को खतरा नहीं होता…
तो आज सत्ता के लिये हिंसा का रास्ता अपनाते समय हर किसी को सौ बार सोचना होता…
पीएम मोदी की हत्या की साजिश हो रही है या मोदी राज के खात्मे की साजिश हो रही है और इनमें किस पार्टी का और अन्य किन संगठनों का हाथ हो सकता है यह तो जांच का विषय है। परंतु जांच अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचनी चाहिये अन्यथा इस प्रकार की राजनीतिक हत्याएं और तख्ता पलट जैसे पाकिस्तान में होते रहा है वैसे ही हमारे यहॉ भी होना प्रारंभ हो जायेगा।
चर्चा यह भी है कि पीएम मोदी की हत्या की साजिश में और मोदी राज के खात्मे की साजिश में कांग्र्रेस का भी हाथ संभव है।
सोनिया गांधी के निर्देश पर सलमान खुर्शीद और मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान में गये थे।
खुर्शीद ने वहॉ जाकर उस समय के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की प्रशंसा में कसीदे गढ़े थे और भारत के प्रधानमंत्री मोदी की जमकर बुराई की थी।
केरल में कांग्रेस तथा मुस्लिम लीग द्वारा कुछ वर्ष पूर्व नवाज शरीफ के पोस्टर बैनर भी लगाये गये थे।
हैदराबाद में वहॉ की युवा कांग्रेस के नेताओं द्वारा कश्मीर विहीन भारत के नक्शे वाले बैनर लगाये गये थे।
मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान जाकर वहॉ के टीवी चैनल में साक्षात्कार देते हुए कहा था कि मोदी को हटाने के लिये पाकिस्तान की सहायता चाहिये। एंकर ने प्रश्र किया था क्या आईएस की सहायता चाहिये?
अभी कथित माक्र्सवादी समर्थक जिनकी गिरफ्तारी हुई है उनके पक्ष में मध्यरात्रि को कांग्रेस के मनु सिंघवी के प्रयास से सुप्रीम कोर्ट सुनवाई हुई थी।
गिरफ्तार कथित माक्र्सवादी समर्थकों के पक्ष में आवाज उठाने के लिये कुछ संगठनों ने प्रेस कांफ्रेंस की थी उसमें स्पष् ट रूप से कांग्रेस के मनु सिंघवी के प्रयासों की प्रशंसा की गई थी।
नेपाल के माओवादियों से कांग्रेस के संबंध विशेषकर वहॉ के क्रिस्चियन माओवादियों से सोनिया गांधी के संबंधों की भी खबरें आती रही हैं।
नेपाल के माओवादियों से भारत के माओवादियों के संबंध की भी चर्चा होते रही है। महाराष्ट्र पुलिस ने आज जो गिरफ्तार माओवादी समर्थकों के पास प्राप्त चि_ी की चर्चा पे्रेस कांफे्रेंस में की है।
चि_ी से पता चलता है कि कैसे नक्सली किसी बड़ी साजि़श को अंजाम देने के लिए हथियारों का इंतज़ाम कर रहे थे। कैसे हिंसा फैलाने के लिए कांग्रेस का एक नेता फंडिंग के लिए तैयार था। महेश राउत की गिरफ्तारी का कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने विरोध भी किया था। उनका नक्सल कनेक्शन तब भी सामने आया था जब 2013 में उन्होंने महाराष्ट्र के सीएम पृथ्वीराज चौहान चि_ी लिख कर कहा था कि महेश राउत के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए और उसे आजादी से काम करने दिया जाए। बहरहाल कांग्रेस नक्सलियों की मददगार है इसका एक सबूत 29 अगस्त को तब भी सामने आया, जब पार्टी के सीनियर नेता और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी पकड़े गए आरोपियों को बचाने कोर्ट पहुंच गए। जबकि गिरफ्तार 5 लोगों में से सभी पर यूपीए सरकार के दौरान भी कार्रवाई की गई थी और इनमें से दो को तो जेल भी भेजा गया था।
दरअसल कांग्रेस अपने राजनीति लाभ के लिए आतंकवाद को भी धर्म के चश्मे से देखती रही है। इस क्रम में वह कभी आतंकियों की फांसी का विरोध करती है तो कभी पत्थरबाजों का समर्थन करती है।अलगाववादियों और सिमी जैसे संगठनों से रिश्ते में गुरेज नहीं करती है। अब तो कांग्रेस को ढ्ढस्ढ्ढस् जैसा खूंखार आतंकवादी संगठन भी भाने लगा है।
दरअसल कांग्रेस अपने राजनीति लाभ के लिए आतंकवाद को भी धर्म के चश्मे से देखती रही है। इस क्रम में वह कभी आतंकियों की फांसी का विरोध करती है तो कभी पत्थरबाजों का समर्थन करती है।अलगाववादियों और सिमी जैसे संगठनों से रिश्ते में गुरेज नहीं करती है। अब तो कांग्रेस को ढ्ढस्ढ्ढस् जैसा खूंखार आतंकवादी संगठन भी भाने लगा है।
लश्कर–ए–तैयबा का कांग्रेस कनेक्शन
लश्कर के प्रवक्ता ने कांग्रेस पार्टी के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें पार्टी ने सेना की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। लश्कर के प्रवक्ता अब्दुल्ला गजनवी ने प्रेस रीलीज कर कहा, “भारतीय सेना कश्मीर में मासूम लोगों को मार रही है और गुलाम नबी आजाद ने भी इस बात को स्वीकार किया है। कांग्रेस पार्टी ने इसका विरोध किया है, हम कांग्रेस पार्टी का समर्थन करते हैं कि भारतीय सेना अपने ऑपरेशन कश्मीर में बंद करे।“
>> जाकिर नाइक से कांग्रेस को है ‘मोहब्बतÓ
>> आतंकी इशरत जहां पर कांग्रेस ने की राजनीति।
>> खालिस्तान समर्थकों का हौसला कांग्रेस ने बढ़ाया।
>> पत्थरबाजों का समर्थन करती है कांग्रेस
>> अफजल–याकूब का समर्थन करती है कांग्रेस
>> कश्मीर के अलगावादियों से कांग्रेस के हैं रिश्ते
जिस प्रकार से मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान के प्यार को व्यक्त किया उसी का अनुकरण करते हुए भारत के हितों के विरूद्ध चाईना से प्रेम करने का बेड़ा राहुल गांधी ने उठाया है।
डोकलाम विवाद के समय उनकी दो बार गुपचुप तरीके से चाईना एम्बेसडर से मुलाकात करना तथा उसका विवरण न देना क्या बताता है?
आज पे्रस कांफ्रेंस में संबित पात्रा ने राहुल गांधी को चाईनीज गांधी की संज्ञा देकर पूरा चि_ा प्रस्तुत किया है।
इससे सिद्ध होता है कि कांग्रेस पाकिस्तान और चाईना की सहायता से भी तख्तापलट भारत में मोदी सरकार का करना चाहती है।
विदेशी सहायता प्राप्त भारत विरोधी एनजीओ पर मोदी सरकार ने जो प्रहार किया उसके विरूद्ध भी राहुल की टिप्पणी दर्शाती है कि वे विदेशी सहायता लेने तक तत्पर हैं। भारत सरकार के मनमोहन के शासनकाल के समय से ही विदेशी सहायता आपदा के समय लेने पर जो मनाही की गई थी वह अभी भी जारी है। बावजूद इसके केरल के मुख्यमंत्री विदेश से सहायता लेने की राग अलाप रहे हैं।
आज जिस प्रकार से भाजपा के संबित पात्रा ने प्रेस कांफ्रेंस करके राहुल गांधी की मानसरोवर यात्रा का स्वागत करने में भारत के चाईना राजदूत की जो उत्सुकता जाहिर की है वह क्या दर्शाता है?
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