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स्व-सहायता समूह की महिलाएं मत्स्य पालन कर रही हैं आर्थिक उन्नति

विकासखंड जगदलपुर के ग्राम आसना की 20 सदस्यीय मां दुर्गा महिला स्व-सहायता समूह मत्स्य पालन के द्वारा आर्थिक उन्नति कर रही है। समूह के सदस्य पूर्व में खेती बाडी के अतिरिक्त वनोपज संग्रहण का कार्य करते थे, उससे जो आमदानी होती थी उसका उपयोग धरेलू कार्य में करते थे।
    मत्स्य विभाग द्वारा समय-समय पर आयोजित विभिन्न शिविरों, कार्यक्रमों में मछली पालन से संबंधित जानकारी प्राप्त होने के पश्चात, विभागीय अधिकारी के मार्गदर्शन में 20 सदस्यों का स्व-सहायता समूह गठन किया गया। समुह के स्व रोजगार हेतु ग्राम पंचायत में स्थित बाघ मुंडा तालाब को 10 वर्ष पट्टे पर लिया गया।
    वर्ष 2011-12 में समूह द्वारा ग्राम पंचायत से बाघ मुंडा को पट्टे पर लेकर मछली पालन का कार्य प्रारंभ किया गया तथा विभाग के मार्गदर्शन में मत्स्य पालन हेतु आवश्यक तकनीकी अपना कर एवं परिपूरक आहर, चूना का उपयोग कर मत्स्योत्पादन में उत्तरोत्तर वृद्धि कर अच्छा उत्पादन ले रहें है तथा आर्थिक रूप से अच्छी आय प्राप्त कर रहें है उनके द्वारा गत वर्षो में मछली पालन कर निम्नानुसार वर्ष 2018-19 में 1866 किलोग्राम  मत्स्योत्पादन कर 02 लाख 23 हजार 920, वर्ष 2019-20 में 2110 किलोग्राम मत्स्योत्पादन कर 02 लाख 53 हजार 200 और वर्ष 2020-21 में अब तक 77 हजार से अधिक राशि की मछली की बिक्री किया गया है। समूह की सदस्य मछली पालन कर उत्पादन में उत्तरोत्तर वृद्धि कर अच्छी आय प्राप्त कर रहें है जिससे सदस्यों द्वारा अपने घरेलु उपयोग की वस्तुओ का क्रय तथा पक्का मकान बनवाया गया है।
    मत्स्य विभाग द्वारा विभागीय योजनाओं और राष्ट्रीय कृषि विकास योजनांतर्गत मत्स्य पालकों को मत्स्य बीज, परिपूरक आहार, आईस बॉक्स, सिफेक्स, मस्याखेट उपकरण अनुदान स्वरूप प्रदाय किया गया है तथा समुह के सभी सदस्यों का मछुआ दुर्घटना बीमा किया जाता है। मां दुर्गा महिला स्व-सहायता समूह द्वारा मछली पालन का कार्य कर प्रति वर्ष 02 लाख 50 हजार की आमदानी प्राप्त कर रही है।