झारखंड चेंबर की वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है. कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए इस बार ऑनलाइन माध्यम से 20 दिसंबर को चुनाव कराने की तैयारी चल रही है. वहीं, झारखंड चेंबर ने 20 दिसंबर को ऑनलाइन चुनाव कराने को लेकर विज्ञापन भी प्रकाशित कराया है.
साथ ही 19 दिसंबर को 56वीं एनुअल जनरल मीटिंग सुबह 11 बजे से वीडियो कांफ्रेंसिंग से कराने का निर्णय लिया गया है. इसकी तैयारी चल रही है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि अंदर ही अंदर कई पूर्व अध्यक्ष निर्विरोध चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं. वहीं, विरोध होने की स्थिति में क्या किया जायेगा इस पर भी विचार हो रहा है.
पूर्व अध्यक्ष का अनुमान है कि अगर निर्विरोध चुनाव की बात आती है और कोई इस पर विरोध करेगा, तो उन्हें भी कमेटी में जगह देनी पड़ सकती है. कोई भी सदस्य चुनाव के लिए खड़ा होता है, तो चुनाव कराना बाध्यता हो जायेगी. पिछले एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक में भी चुनाव न करा कर आपसी सामंजस्य से चुनाव कराने की बात उठी थी.
इस पर कई पूर्व अध्यक्ष और अन्य सदस्य भी राजी हुए थे. सूत्रों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण पहले से व्यापार काफी प्रभावित हुआ है. वहीं, झारखंड चेंबर की आमदनी भी पूरी तरह से बंद हो गयी है. चुनाव होने पर झारखंड चेंबर का लगभग 10 लाख रुपये खर्च होता है. यही नहीं, चुनाव होने की स्थिति में घर-घर या दुकान-दुकान जाकर वर्तमान में प्रचार करना संभव नहीं होगा. कार्यकारिणी में 27 सदस्य होते हैं. इसमें 21 कार्यकारिणी सदस्यों के अलावा छह सदस्य क्षेत्रीय प्रतिनिधि होते हैं. झारखंड चेंबर में लगभग 3,500 सदस्य हैं.
2011 में सज्जन सर्राफ व टीम निर्विरोध चुनी गयी थी : 2011 में सज्जन सर्राफ व उनकी टीम निर्विरोध चुनी गयी थी. हालांकि, अंतिम समय में आनंद जालान चुनाव के लिए अड़ गये थे. इसके बाद आनंद जालान को कार्यकारिणी सदस्य बनाना पड़ा था. वहीं, इससे पहले निर्विरोध अध्यक्ष का चयन 1960 और 1963 में हुआ था. राय बहादुर एचसी जैन लगातार दो साल निर्विरोध अध्यक्ष चुने गये थे. इसके बाद 1964 और 1965 में एआर बुधिया को भी निर्विरोध चुना गया था.
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