रांची जिले के सदर अस्पताल को मरीजों के लिए माॅडल बनाने का सपना कब पूरा होगा, यह अधिकारियों को भी पता नहीं है। करीब दो साल से अस्पताल के पुराने लाल बिल्डिंग के पिछले हिस्से में 500 बेड की क्षमता वाला भवन बनकर तैयार है। लेकिन छोटा मोटा काम बाकी होने के कारण इसे हैंडओवर नहीं किया गया है। करीब छह माह पहले से भवन में मरम्मत का काम भी चल रहा है। बगैर इस्तेमाल के ही भवन जर्जर हो चुके हैं।
इधर, तीन सौ बेड का अस्पताल पिछले साल दिसंबर माह में शुरू करने का आश्वासन मिला था। अस्पताल में 300 बेड के अस्पताल में सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, रेडियोलाजी समेत अन्य विभाग शुरू किए जाएंगे। रेडियोलाजी विभाग में सिटी स्कैन, एमआरआइ, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा बहाल होगी। साथ ही अत्याधुनिक पैथोलाजी विभाग भी शुरू किया जाएगा। उसमें कई तरह की जांच की सुविधा उपलब्ध होगी।
साल 2017 में 200 बेड की क्षमता वाला नया भवन में इलाज शुरू हुआ था। इसमें वर्तमान में इमरजेंसी, ओपीडी के अलावा मातृ एवं शिशु वार्ड संचालित हो रहा है। इसके अलावा थैलेसीमिया और सिक्कलसेलेनीमिया जैसे वार्ड भी बनाए गए हैं। यहां मरीजों को भर्ती कर ब्लड ट्रांसफ्यूजन चल रहा है। आई और ईएनटी ओपीडी के अलावा मरीजों का खाना भी यहीं बनता है।
‘निर्माण करने वाली एजेंसी को भवन हैंडओवर करने के लिए लगातार नोटिस दिया जा रहा है। हाई कोर्ट में दिए समय अवधि पर भी भवन शुरू नहीं हो सका है। अगले साल की शुरुआत में भी नए भवन में मरीजों को सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी।’
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