हिंदी के जाने-माने वरिष्ठ कवि गीतकार दिनेश्वर प्रसाद सिंह दिनेश का अमृत महोत्सव के अवसर पर बिष्टुपुर तुलसी भवन के खचाखच भरे हुए सभागार में भव्य अभिनंदन किया गया। इस आयोजन में तन चंदन मन वृंदावन नाम से कविश्री राजदेव सिन्हा के संपादन में प्रकाशित अभिनंदन ग्रंथ का लोकार्पण किया गया। इससे पूर्व मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा मंचासीन अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया। अपने अध्यक्षीय उद्गार में सी. भास्कर राव ने कहा कि कविवर दिनेश्वर की लंबी साहित्य साधना है, जिसमें उनके द्वारा किए गए पत्रकारिता क्षेत्र तथा सामाजिक सरोकार का भी महत्वपूर्ण योगदान है।
मुख्य अतिथि कवि गीतकार और बेला पत्रिका के संपादक डॉ संजय पंकज ने ग्रंथ के शीर्षक की विशद व्याख्या की और कहा कि इनके व्यक्तित्व और कृतित्व के केंद्र में प्रेम है और उसी से क्रांति भावना तथा राष्ट्रीयता का भी संदेश प्रसरित होता है। कथाकार जयनंदन ने अपने उद्गार में कहा कि दिनेश जी की कविताओं में एक आग है जो उन्हें जनता के पक्ष में मजबूती से खड़ी करती है। शिक्षाविद हरि बल्लभ सिंह आरसी ने कहा कि अपने कवि कर्म को ईमानदारी से जीने वाले दिनेश जी व्यक्तित्व से भी उदार हैं और यह संबंधों का निर्वाह करना जानते हैं। डॉ त्रिभुवन ओझा ने कहा कि दिनेश जी में एक सरलता सहजता और सादगी है जो इन्हें सब से जोड़ कर रखती है। वरिष्ठ पत्रकार राधेश्याम अग्रवाल ने कहा कि दिनेश जी के कवि व्यक्तित्व का विकास मैं निरंतर देख रहा हूं ।
यह निश्छल हृदय के पुरुष जमशेदपुर के दिनकर हैं। समारोह में एक नई सुबह पत्रिका का कई बार दिनेश्वर प्रसाद सिंह दिनेश अंक का लोकार्पण किया गया और इसके संपादक डॉ दशरथ प्रजापति ने कहा कि सूर्य की तरह देदीप्यमान हैं दिनेश्वर जीके अक्षर। कामेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव निरंकुश ने अपनी मित्रता का हवाला देते हुए बताया कि दिनेश जी में जो हृदय की उदारता है वही उन्हें सबसे अलग और विशिष्ट बनाती है। अपने कुशल और सधे संचालन के क्रम में कविवर राजदेव सिन्हा ने केंद्रीय व्यक्तित्व पर विस्तार से विचार रखने के क्रम में कहा कि सबको प्यार देने की इनकी सहज स्वाभाविक प्रकृति सबके भीतर ऊर्जा को प्रवाहित करती है।
भूतपूर्व सांसद शैलेंद्र महतो ने पुष्पगुच्छ तथा चादर से कवि का अभिनंदन किया।जमशेदपुर तथा बाहर की दो दर्जन से ज्यादा संस्थाओं ने चादर,बुके और अभिनंदन पत्र देकर कवि दिनेश जी का सम्मान किया। अनिरुद्ध त्रिपाठी अशेष ने विशेषणों से विभूषित अभिनंदन पत्र का प्रभावशाली वाचन किया। आयोजन में डॉ बालमुकुंद पैनाली, सरोज कुमार मधुप ,सोनी सुगंधा ,कल्याणी कबीर ,डॉ अनीता शर्मा , अनीता शर्मा, बृजेंद्र नाथ मिश्र, माधुरी मिश्रा, मनोकामना सिंह अजय, चंद्रकांत, अरुण सज्जन, शैलेंद्र अस्थाना ,पंचानन सिंह तोमर, ममता सिंह, प्रतिभा प्रसाद, वीणा पांडे ,माधवी उपाध्याय, अशोक कुमार, प्रमोद कुमार के साथ ही शताधिक लोगों की महत्वपूर्ण उपस्थिति रही। कविवर दिनेश के बृहद संबंधों के संसार की भी सहभागिता मजबूत रही और अंत में धन्यवाद ज्ञापन अजय कुमार प्रजापति ने किया।
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